भोपाल।
मध्यप्रदेश में कोरोना(Corona in Madhya Pradesh) के बढ़ते संक्रमण पर अब काबू करने के दावे किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य शासन ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य शासन के मुताबिक अब मध्य प्रदेश के किसी भी जिले में लॉकडाउन(lockdown) लगाने का फैसला कलेक्टर(collector) नहीं ले सकेंगे। जिले में लॉकडाउन लगाने के लिए उन्हें राज्य स्तर पर स्वीकृति लेनी पड़ेगी। अर्थव्यवस्था(Economy) की सेहत को मजबूती देने के लिए राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
दरअसल शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस(Press conference) के जरिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(Home Minister Narottam Mishra) और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह(Urban Administration Minister Bhupendra Singh) ने जानकारी देते हुए बताया कि अब किसी भी जिला कलेक्टर को अपने जिले में लॉकडाउन लगाने से पहले राज्य शासन की स्वीकृति लेनी पड़ेगी। वहीं प्रदेश में 1 से 14 अगस्त तक किल कोरोना अभियान(Kill Corona abhiyan)के दूसरे चरण की शुरुआत शनिवार से हो रही है। जहां अभियान के लिए प्रदेश का संकल्प वाक्य बना है “संकल्प की चेन जोड़ों, कोरोना की चेन तोड़ो”गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जिले में पूर्व से घोषित तथा रविवार के दिन लॉकडाउन के अलावा अन्य लॉकडाउन नहीं लगाए जा सकेंगे। अगर जिला कलेक्टर को अपने जिले में लॉकडाउन की आवश्यकता होती है तो उसे राज्य स्तर पर अनुमति प्राप्त करनी होगी। गृह मंत्री ने कहा कोरोना संकटकाल के बीच ही हमें अर्थव्यवस्था का भी खासा ध्यान रखना है। जिसके लिए यह जरूरी है कि हम बिना लॉकडाउन ही कोरोना के बढ़ते संक्रमण को खत्म करने की कोशिश करें।
बता दें कि मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 100 से अधिक संख्या में मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।वह गुरुवर से प्रदेश में रैपिड एंटीजन टेस्ट की शुरुआत की गई है। बड़ी मात्रा में जहां मरीजों को जल्दी जांच की रिपोर्ट प्राप्त होगी। वही अधिक से अधिक लोगों की जांच को रफ्तार मिलेगी। हालांकि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। एक्टिव और पॉजिटिव दोनों मामलों में मध्यप्रदेश देश में 15 स्थान पर आ गया है। वहीं राज्य शासन द्वारा प्रदेश में संक्रमण के चयन को तोड़ने के लिए कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।