अशोकनगर//हितेंद्र बुधौलिया|
एक और कोरोना वायरस के बचाव के लिए अधिकारी कई सारे एहतिहात बरतने की बात कर रहे हैं। जनसुनवाई सहित दूसरे आयोजन रद्द कर रहे है। वही दूसरी तरफ खुद अधिकारी ही कोरोना वायरल को लेकर बरतने वाली सावधानियों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। अशोकनगर में जिला पंचायत की एक बैठक में सचिव एवं दूसरे अधिकारियों ने जब मीटिंग का कोरोना को लेकर बहिष्कार करने किया तो अधिकारियों ने जबरन उन्हें मीटिंग में बिठाया। जबकि इस बैठक में वह अधिकारी भी शामिल रहे, जिन्होंने 1 दिन पहले ही 20 से ज्यादा लोगों के कार्यक्रम रद्द करने का आदेश जारी किया था।
अशोकनगर जिला पंचायत सभाकक्ष में जनपद पंचायत अशोकनगर के सचिव जीआरएस एवं नगरपालिका तथा अन्य विभागों के कर्मचारियों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें इलेक्शन एवं अन्य कार्यों की समीक्षा रखी गई थी ।करीब 1 सैकड़ा से भी अधिक लोगों की इस बैठक को बुलाने का कर्मचारियों ने विरोध किया ,बैठक में पहुंचने के बाद भी कोरोना वायरस से बचने के लिए बताई गई। सावधानियों को देखते हुए कर्मचारियों ने इस मीटिंग को छोड़कर जाने एवं बहिष्कार की कोशिश भी की। मगर वरिष्ठ अधिकारियों ने दबाव डालकर इन लोगों को बैठक में दोबारा शामिल कराया ।इस तरह एक और जहां प्रशासनिक अधिकारी सरकारी आयोजन, निजी कार्यक्रम एवं जन सुनवाई जैसे आयोजन रद्द करा रहे है।वही ये अधिकारी अपने कर्मचारियों को कोराना से बचाव के लिए कोई सुरक्षा नही बरत रहे ।मीटिंग में कुछ लोग मास्क लगा कर या मुह पर रुमाल बांधे देखे गये। इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि मीटिंग पहले से तय थी जबकि इन्ही अधिकारियों ने पहले से तय कई कार्यक्रम रद्द किये है।
अब देखना होगा कि इस लापरवाही को लेकर क्या कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले के वरिष्ठ अधिकारी नीचे के अधिकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति कितने गंभीर है।बैठक में निर्वाचन ऑब्जर्वर के अलाबा एसडीएम सुरेश जादव, ceo जनपद पंचायत अशोकनगर प्रमोद कुमार सिंह,तहसीलदार इसरार खान के अलावा पंचायतों के सविव, रोजगार सहायक एवं कुछ अन्य विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।