Holi पर कोरोना का खौफ, 121 दिन बाद शतक के करीब पहुंचे पॉजिटिव मरीज, अलर्ट पर प्रशासन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना (Corona) के बढ़ते संक्रमण का साया इस बार होली (Holi) पर दिखाई दे रहा है। शहर में कहीं कोई शोर नहीं है, सड़कें चौराहे सूने पड़े हैं। इक्का दुक्का लोग ही सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। पुलिस अधीक्षक भी सड़कों पर निगरानी कर रहे हैं। उधर 121 दिन बार 95 पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है।

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प्रदेश में बढ़ते कोरोना (Corona) संक्रमण का असर इस बार होली (Holi) पर दिखाई दे रहा है। हर साल की तुलना में इस बार होली (Holi) पर ना तो कोई शोर शराबा है और ना कोई हुड़दंग है।  प्रतिबन्ध के चलते होली के जुलूस और होली (Holi)पर  होने वाले पारम्परिक सर्वजनिक कार्यक्रम भी स्थगित हैं। चौराहों पर, सड़कों पर पुलिस तैनात है। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी (SP Amit Sanghi) खुद सड़क पर राउंड लेकर सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

Holi पर कोरोना का खौफ, 121 दिन बाद शतक के करीब पहुंचे पॉजिटिव मरीज, अलर्ट पर प्रशासन

उधर प्रदेश में बढ़ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों (Corona Positive Patients) की संख्या ने जहाँ सरकार को चिंता में डाल दिया हैजिसे देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन भी बढ़ती संख्या के चलते अलर्ट मोड पर आ गया है। ग्वालियर में रविवार को 121 दिन बाद शतक के करीब कोरोना पॉजिटिव मरीज (Corona Positive Patient) सामने आये। रविवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में 95 मरीज पॉजिटिव (Corona Positive Patient) निकले साथ ही एक की मौत भी हो गई। खास बात ये है कि इससे पहले 27 नवम्बर को 107 पॉजिटिव मरीज (Corona Positive Patient) सामने आये थे उसके बाद संख्या 100 से कम ही रही 2 दिसंबर को 89  पॉजिटिव मरीज (Corona Positive Patient) सामने आये थे  उसके बाद कल रविवार 28 मार्च 2021 को पॉजिटिव 95 मरीज सामने आये। कोरोना पॉजिटिव मरीजों  (Corona Positive Patients) की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को अलग अलग जिम्मेदारियां देकर उसपर कड़ाई से पालन के निर्देश दिए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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