भोपाल।
प्रदेश की राजनैतिक गतिविधियों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर तैयार हैं। किंतु इससे पहले विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होकर इस्तीफा देना पड़ेगा। जिसके बाद उनके इस्तीफे पर विचार होने के बाद फ्लोर टेस्ट हो सकता है।
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस की तरफ से विधानसभा परिसर में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है। अब विधायक उनके समक्ष हैं और इस्तीफा दे। जिसके बाद ही फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनेगी। त्यागपत्र देने वाले विधायकों पर फैसले के बिना फ्लोर टेस्ट कैसे हो सकता है। वहीं बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने के लिए यह बीजेपी की साजिश है, उन्होने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हमारे विधायको को किडनेप किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश का कानून और संविधान किसी राजनीतिक दल का नहीं है। यह संवैधानिक तौर पर कार्य करता है। राज्य की इस स्थिति के लिए बीजेपी जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को अल्पमत करार दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि एक अल्पमत में घिरी सरकार कैसे कोई सत्र बुला सकती है। वहीं भाजपा के नरोत्तम मिश्रा ने अपनी व्यक्तिगत राय रखते हुए कहा है कि संभवत हफ्ते 10 दिनों में राज्य की सरकार में परिवर्तन निश्चित है। बता दे कि मंगलवार को सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बुधवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। जिसके तुरंत बाद यह सिंधिया को राज्यसभा का टिकट मिल गया। वहीं कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है।