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Sun, Dec 7, 2025

महाकाल की भस्म-शयन आरती में शामिल हो सकेंगे भक्त, समिति ने लिए कई फैसले 

Written by:Atul Saxena
महाकाल की भस्म-शयन आरती में शामिल हो सकेंगे भक्त, समिति ने लिए कई फैसले 

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल (Mahakal) के भक्तों के लिए ये खबर ख़ुशी देने वाली है, महाकाल (Mahakal) के भक्त अब फिर से भस्म और शयन आरती में शामिल हो सकेंगे। मंदिर समिति की आज हुई बैठक में ये फैसला लिया गया, हालाँकि भक्तों को अभी और इंतज़ार करना होगा, आरती में प्रवेश शिवरात्रि के बाद से हो सकेगा। अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के साथ मंदिर समिति ने फॉरेन करेंसी अकाउंट खोलने का भी फैसला लिया है। इसमें विदेश से आने वाला दान जमा किया जा सकेगा।

बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्द ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल (Mahakal) की उषा काल में होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था लॉकडाउन के समय से बंद है हालाँकि मंदिर में भस्म आरती (Bhasma Aarti) प्रतिदिन जारी है लेकिन केवल पुजारी इस परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं।  भस्म आरती (Bhasma Aarti) में श्रद्धलुओं  प्रतिबंधित है, चूंकि अब कोरोना की स्थिति सामान्य है प्रदेश में भी ये नियंत्रण की स्थिति में है इसलिए श्रद्धालुओं और व्यापारियों की मांग थी कि दर्शन व्यवस्था को पहले की तरह ही कर दिया जाए, इसी मांग के चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर समिति के सामने प्रस्ताव रखा था कि कुछ नियम के साथ सप्ताह भर में दर्शन व्यवस्था शुरू की जाए, जिस पर आज हुई बैठक में समिति समिति ने स्वीकृति दे दी। समिति ने भस्म आरती (Bhasma Aarti) के साथ शयन आरती (Shayan Aarti) में भी प्रवेश के लिए स्वीकृति दे दी है। लेकिन ये व्यवस्था शिवरात्रि के बाद शुरू की जा सकेगी।

फॉरेन करेंसी अकाउंट खोला जाएगा  

महाकाल मंदिर समिति ने कोरों काल के समय से बंद पर व्यवस्थाओं को फिर से शुरू करने को लेकर भी कई निर्णय लिए।  समिति ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि अब महाकाल मंदिर में फॉरेन करेंसी अकाउंट खोला जाएगा इसमें विदेश से आने वाला दान श्रद्धालु जमा कर सकेंगे,  इसके आलावा समिति ने फैसला लिया कि श्रद्धालु अब मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।

कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में बंद हुए थे मंदिर के पट  

गौरतलब है कि उज्जैन भी कोरोना संक्रमण के मामले में काफी आगे था,  इसलिए एहतियात के तौर पर मार्च से मंदिर के पट बंद थे, बाद में पट तो आम श्रद्घालुओं के लिए खोले गए लेकिन भस्म और शयन आरती में प्रवेश की इजाज़त उन्हें नहीं थी, जिसे लेकर श्रद्धालुओं और व्यापारियों की मांग के अलावा  यूथ कांग्रेस ने भी प्रदर्शन ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई थी।