Suicide Attempt : माता-पिता और बेटे ने खाया जहर, आपसी विवाद के चलते उठाया ये कदम

Gaurav Sharma
Published on -
suicide_

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। जिले के नरवर थाना क्षेत्र के भंवरी गांव में एक ही परिवार के माता-पिता और बेटे के जहर (Poison) खाने का मामला सामने आया है। ये घटना सोमवार की  है। जिसके बाद आनन-फानन में तीनों को एक निजी अस्पताल (Private Hospital) में भर्ती (Admit) कराया गया है। मामले में जानकारी लगी है कि सुबह पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर आपस में विवाद (Conflict) हो गया था, जिसके बाद ही उन्होंने जहर खाने (Poison consumption) की घटना को अंजाम दिया है।

भंवरी गांव का मामला

बता दें कि भंवरी गांव के सरपंच का नाम राजेश मकवाना है। गांव में रहने वाले पति राजेश और पत्नी हेमलता के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया, जो विवाद देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि पत्नी हेमलता ने जहरीला पदार्थ (Poisonous item)  का सेवन कर लिया। वहीं इस बात से गुस्साए राजेश ने भी अपनी पत्नी के हाथ से जहर का डिब्बा छिनकर खुद भी खा लिया। ये पूरी घटना एक विवाद (Conflict) के चलते हुई है।

विवाद के चलते पति-पत्नी ने खाई जहर

माता-पिता के बीच विवाद के बाद जहर खाने के दौरान ही उनका बेटा पीयूष भी वहां पहुंच गया। जिसे पता चला कि उसके माता-पिता दोनों ने ही जहर का सेवन कर लिया है। जिसके बाद बेटे पीयूष ने कहा कि अगर आप दोनों ही नहीं रहेंगे, तो मैं आखिर जिंदा रहकर क्या ही करूंगा? ऐसा कहते हुए बेटे पीयूष ने भी वहां रखे जहर (Poison) को खा लिया।

आत्माराम ने पोते के मुंह से निकाली जहर की गोली

घटना के बाद आवाज सुनकर राजेश के पिता आत्माराम घर पर पहुंचे, जिन्होंने देखा की उनके बेटे-बहू और पोते ने जहर खा लिया है। इस दौरान पोते पीयूष के मुंह में जहर की गोली थी, जिसे आत्माराम ने तुरंत ही निकाली। जिसके बाद दादा आत्माराम ने गांव के लोगों को आवाज लगाई।

पिता आत्माराम ने दिखाई तत्परता

आत्माराम द्वारा गांव के लोगों को बुलाने पर सभी उनके घर पर इकट्ठा हुए, जिनकी मदद से आत्माराम ने बेटे-बहू और पोते को जिला अस्पताल (District Hospital) पहुंचा। जहां पर प्रारंभिक जांच की गई और बताया गया कि अब स्थिति में सुधार है। जिसके बाद दादा आत्माराम और परिजनों ने तीनों को एक निजी अस्पताल में इलाज के भर्ती करा दिया है। फिलहाल माता-पिता और बेटे की स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना में दादा आत्माराम ने तत्परता दिखाते हुए तीनों को समय रहते हुए अस्तपाल में भर्ती कराया, जिसके चलते उनके बेटे-बहू और पोते की स्थिति बेहतर बनी हुई है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News