Wed, Dec 31, 2025

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कर्मचारी संगठन ने खोला मोर्चा, FIR दर्ज करने की मांग

Written by:Kashish Trivedi
Published:
Last Updated:
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कर्मचारी संगठन ने खोला मोर्चा, FIR दर्ज करने की मांग

जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कर्मचारियों ने मुझे खोल दिए हैं। दरअसल कर्मचारियों ने यह मोर्चा अधिकारियों के खिलाफ खोला है। इस मामले में कर्मचारी नेताओं का कहना है कि लोक शिक्षण जबलपुर संभाग (Jabalpur Division of Public Instruction) में सरकार की गाइडलाइन (guideline) का उल्लंघन किया गया है। वहीं अधिकारियों द्वारा मनमर्जी चलाई जा रही है। जिसके बाद उन्होंने संभाग स्तर के अधिकारियों के खिलाफ नारा बुलंद कर लिया है।

दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि तत्कालीन संयुक्त संचालक राजेश तिवारी अपनी सेवानिवृत्ति पार्टी बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं। कई स्कूल के प्राचार्य सहित शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी इस पार्टी में मौजूद थे और कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाकर की जा रही पार्टी में पुलिस भंग डालते हुए शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों को उठाकर थाने ले आई। हालांकि पुलिस ने अभी मामला कायम नहीं किया है, पार्टी के सारे वीडियो फूटेज देखने और जांच करने के बाद अधिकारियों पर मामला दर्ज होगा।

कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं हुआ

इधर कर्मचारी संघों ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर राजेश तिवारी जो दिनांक 31 मार्च 2021 की सेवा निवृत्त पर उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया है। उक्त समारोह में कोरोना गाईड लाईन को दरकिनार संभाग के सैंकडों प्राचार्य शिक्षक एवं कर्मचारियों को एकत्र समारोह आयोजित किया जा रहा था। उक्त सेवा निवृत्त कार्यक्रम की पूर्व अनुमति नहीं ली गई जिसकी भनक पुलिस लगते ही मोके पर पुलिस पहुंच गई पुलिस के पहुंचते ही वहां उपस्थित अधिकारियों, प्राचार्यों में भगदड़ सी मच गई।

पुलिस के द्वारा पार्टी अनुमति मांगने पर अधिकारी बगल झांकते नजर आये। कहा जा सकता है कि सरकार जहाँ एक ओर कोरोना की चैन तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। वहीं समाज को शिक्षा का रास्ता दिखाने वाले अधिकारी की गाइड लाइन का पालन न कर रह हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी-डीपीसी शामिल

पढ़े-लिखे विभाग से ताल्लुक रखने वाले विभाग में इस तरह की लापरवाही होगी किसी ने सोचा नहीं था। रिटायरमेंट पार्टी में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे जिन्हें इस बात की जानकारी थी कि पार्टी आयोजित करना नियमों के खिलाफ है लेकिन फिर भी पार्टी में शामिल हुए।