ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अपने अलग अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले और जनता की बीच जाकर जन सेवक की छवि बनाने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) ने आज अपने इसी सरल स्वभाव का परिचय दिया। जन समस्या निवारण शिविर में एक बुजुर्ग महिला को बैठा देख मंत्री ने उस बुजुर्ग के पैर पकड़े और फिर उसकी समस्या को सुनकर मौके पर ही अधिकारी को फटकार लगाते हुए समस्या निपटाने के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रविवार को अपनी विधानसभा में कांच मिल रोड कम्युनिटी हॉल पर जन समस्या निवारण शिविर आयोजित किया। शिविर में बिजली, नगर निगम, खाद्य, स्वास्थ्य, पुलिस सहित अन्य कई विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। खास बात ये है कि शिविर में अपनी समस्या लेकर पहुंचे क्षेत्र के लोगों के लिए ऊर्जा मंत्री ने कुर्सियों का इंतजाम किया था और वो खुद जाकर परेशान लोगों की समस्या सुन रहे थे।
ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) जब लोगों के पास जाकर उनकी समस्या सुन रहे थे तभी उनकी नजर एक बुजुर्ग महिला पर पड़ी। हाथ में लाठी पकड़े इस महिला के चेहरे पर गहरी झुर्रियाँ थी। अवस्था देखकर लग रहा था कि बुजुर्ग की उम्र 75- 80 वर्ष के आसपास हीगी। मंत्री यहाँ रुक गए और बुजुर्ग महिला के पैर पकड़कर वहीं जमीन पर बैठ गए। महिला ने अपना नाम धानुक बाई बताया और कहा कि उसे लॉक डाउन से राशन नहीं मिला। बुजुर्ग की बात सुनकर ऊर्जा मंत्री ने खाद्य विभाग के अफसर को बुलाया और महिला के सामने ही फटकार लगाई और निर्देश दिये की अभी इन्हें इनका राशन दिलवाया जाए और फिर मुझे सूचित किया जाए।
ऊर्जा मंत्री ऐसे ही परेशान लोगों के पास गए, उनसे बात की, उनकी समस्या सुनी और शिविर में मौजूद संबंधित विभाग के अधिकारी को समस्या के निराकरण के निर्देश दिये। सबसे ज्यादा समस्या बिजली, नगर निगम और खाद्य विभाग से जुड़ी आई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि आप सब लोग मेरे भगवान हैं मैं आपका सेवक हूँ। मेरे घर और ऑफिस के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले हैं। आपकी समस्या को दूर करना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....