प्रसिद्द कवि गीतकार डॉ कुँअर बेचैन का कोरोना से निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर

Atul Saxena
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भोपाल,  डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी हर क्षेत्र में रिक्त स्थान पैदा करती जा रही है जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए। कोरोना में एक और दुखद खबर आई है। हिंदी के प्रसिद्द कवि, गीतकार डॉ कुँअर बेचैन नहीं रहे। कवि कुमार विश्वास ने  ट्विटर पर ये पीड़ादायी खबर साझा की।

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कवि कुमार विश्वास ने लिखा – कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है।मेरे कक्षा-गुरु,मेरे शोध आचार्य,मेरे चाचाजी,हिंदी गीत के राजकुमार,अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया।कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।

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डॉ कुँअर बेचैन के निधन के समाचार के बाद शोक संवेदनाओं के जैसे बांध टूट पड़ा है , कवी सौरभ जैन ने भी ट्वीट किया

भाजपा के मध्यप्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने डॉ कुँअर बेचैन की कविता की कुछ लाइन लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कुछ अन्य लोगों ने भी अपने तरीके से याद किया

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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