एंबुलेंस ना मिलने पर 7 वर्षीय बेटी के शव को कंधे पर लेकर 10KM चला पिता

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिले में शव वाहन न मिलने में पर एक पिता कथित तौर पर अपनी बेटी के शव को कंधे पर लादकर दस किलोमीटर दूर पैदल चलकर घर पहुंचा। घटना की खबर होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सरगुजा के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जिले के लखनपुर गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जिसके बाद उसका पिता शव वाहन पहुंचने से पहले ही बेटी के शव को कंधे पर लादकर घर चला गया। अधिकारियों के अनुसार, जिले के अमदला निवासी ईश्वर दास अपनी बीमार बेटी सुरेखा को लेकर लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। डॉ. विनोद भार्गव ने बताया कि ईश्वर दास जब बच्ची को लेकर अस्पताल आए थे, तब उसका ऑक्सीजन का स्तर करीब 60 था।

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डॉक्टर के अनुसार, ईश्वर दास ने बताया कि बच्ची को पिछले कुछ दिनों से बुखार है और अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू कर लिया, लेकिन वे बच्ची को बचा न सके। भार्गव ने बताया कि इलाज के दौरान बच्ची की हालत बिगड़ती गई और करीब 7.30 बजे उसकी मृत्यु हो गयी। परिजनों से कहा गया था कि शव वाहन को बुलाया गया है, लेकिन जब तक वाहन सुबह 9.30 बजे अस्पताल पहुंचा, तब तक पिता अपनी बेटी के शव को लेकर जा चिके थे। इसी बीच, सोशल मीडिया पर यह घटना वायरल हो गयी कि एक व्यक्ति बच्ची के शव को कंधे पर लादकर पैदल चल रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) से मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने अंबिकापुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मैंने वीडियो को देखा है. यह विचलित करने वाला है. एक व्यक्ति बच्ची के शव को कंधे पर ले जा रहा है।

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उन्होंने मामले का संज्ञान लिया और सीएमएचओ को इसकी जांच करने का निर्देश दिया। सिंहदेव के मुताबिक, CMHO से कहा गया है कि जो अधिकारी वहां तैनात है और यदि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है तो उन्हें वहां से हटा दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने बताया है कि शव वाहन वहां पहुंच गया था, लेकिन उससे पहले ही परिजन शव लेकर अस्पताल से निकल चुके थे. सिंहदेव ने कहा, “ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को परिवार को वाहन का इंतजार करने के लिए समझाना चाहिए था. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि ऐसी घटना न हो।


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Ram Govind Kabiriya

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