इंदौर।आकाश धोलपुरे।
कोरोना के कहर के बाद आम लोगो को सेनेटाइजर का महत्त्व समझ में आ चुका है क्योंकि अब तक जो सेनेटाइजर से परिचित नही थे उन्होंने सेनेटाइजर केवल डॉक्टर को इस्तेमाल करते हुए देखा था। अब क्या शहर क्या गांव, क्या गली क्या क्या मोहल्ला हर कोई सेनेटाइजर से भली भांति परिचित हो चुका और उसके महत्त्व को भी समझ चुका है। इंदौर में तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में जागरुकता आ गई है इसी का परिणाम है कि इंदौर के पालिया गांव में एक ऐसी सेनेटाइजर मशीन एक किसान ने इजाद कर ली है जो मात्र ग्यारह सौ रुपए में तैयार हुई है। जिसका इस्तेमाल शनिवार से शुरू कर दिया गया है। 10 हजार की आबादी वाले ग्राम पालिया में मशीन ऐसे स्थान पर लगाई गई है जहाँ लोग दवाइयां खरीदने आते है। नाममात्र के शुल्क वाली फूल बॉडी सेनेटाइजर मशीन का उपयोग अब ग्रामीण कर रहे है। फुल बॉडी सेनेटाइजर मशीन को बनाने वाले आशीष तिवारी ने बताया कि पहले वो छोटे फव्वारे का उपयोग कर लोगो को सेनेटाइज करते थे लेकिन जब उन्हें अहसास हुआ कि वो अधिक से अधिक लोगो को सेंटनेटाइज कर सकते है तो उन्होंने एक सेंसर, एक कोठी, आधा इंच पाइप और प्लास्टिक का इस्तेमाल कर एक ऐसी मशीन तैयार कर दी जिसका उपयोग शहर में भी किया जा सकता है। आशीष तिवारी की माने तो यदि प्रशासन उनसे कहेगा तो वो इंदौर के लिए ऐसी फुल बॉडी सेनेटाइज मशीन तैयार कर सकते है। कम लागत वाली फुल बॉडी सेनेटाइजर मशीन फिलहाल, शहर के पालिया में लगी है और इसको बनाने वाले आशीष तिवारी ने इसे समाज सेवा के उद्देश्य के तहत मात्र एक घण्टे में तैयार किया है। फिलहाल, मशीन से गुजरकर खुद को सेनेटाइज करने वाले ग्रामीण आशीष की पहल की सरहाना कर ते नहो थक रहे है। आशीष अब क्षेत्र के कोरोना वारियर्स से भी गुहार लगाएंगे की वो भी इसका उपयोग गांव में आते और जाते समय करे ताकि वो और पूरा गांव सुरक्षित रहे।