अनोखा प्रदर्शन : सड़क को पिलाया गया ग्लूकोज, प्रदर्शनकारियों ने कहा- मर रही है रोड, इसकी जान बचाई जाए

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। खराब सड़क (road)  हमेशा से ही आम आदमी के लिए आंख का कांटा रही है। खराब सड़क (road) पर सफर करने या आने जाने में लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अच्छी सड़क का मुद्दा हमेशा ही चुनावों में कारगर साबित होता है। अच्छी सड़क उम्मीदवार के फेवर में वोट बैंक भी साबित होता है।

सड़क के लिए आम आदमी (common man) किसी ना किसी तरह से प्रदर्शन कर सरकार (government) को जगाने की कोशिश करता है और अपने प्रदर्शन (protest) के जरिए अच्छी सड़क की मांग करता है। इसी अच्छी सड़क की चाहत में भोपाल (bhopal) के बाग मुगलिया क्षेत्र के लोगों ने एक अनोखे प्रदर्शन के जरिए सड़क ठीक करने को लेकर प्रशासन से आग्रह किया। इस प्रदर्शन के तहत प्रदर्शनकारी सड़क को ग्लूकोस (glucose) पिलाते हुए नजर आए,  जिसके बाद से ही ये अनोखा आंदोलन सुर्खियां बटोर रहा है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।