सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने तस्करी के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दुबई से एयर इंडिया की फ्लाइट (IX-174) से लौटे एक गुजराती दंपति के पास से 28 किलोग्राम सोना बरामद किया गया है। यह सोना उन्होंने बेल्ट, पट्टियों और खास तकनीक से अपनी बॉडी के चारों ओर बांध रखा था। इस घटना ने सूरत एयरपोर्ट पर अब तक की सबसे बड़ी सोना तस्करी की कहानी को उजागर कर दिया है।
खुफिया नजरों ने पकड़ी चाल में छिपी चालाकी
यह घटना 20 जुलाई की रात करीब 10 बजे की है, जब दुबई से एक एयर इंडिया की फ्लाइट सूरत एयरपोर्ट पर लैंड हुई। सभी यात्री सामान्य रूप से बाहर निकल रहे थे, तभी सादी वर्दी में तैनात CISF के खुफिया जवान की नजर एक दंपति पर पड़ी। उनके चलने का तरीका अजीब था और पेट के आसपास कुछ असामान्य उभार दिखाई दे रहे थे। संदेह होने पर तुरंत कस्टम विभाग को अलर्ट किया गया। जैसे ही तलाशी शुरू हुई, सुरक्षा अधिकारियों के सामने तस्करी का बड़ा मामला खुल गया। दंपति के शरीर से लगभग 28 किलोग्राम सोना पेस्ट और बेल्ट के रूप में बरामद हुआ।
दंपति की बॉडी पर पट्टियों से बंधा था सोना
जांच में पता चला कि महिला के पास 16 किलोग्राम और पुरुष के पास 12 किलोग्राम सोना था। इन पेस्ट और बेल्ट से शुद्ध सोने का वजन करीब 20 किलोग्राम होने का अनुमान है। यह सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये की कीमत का है। सोने को इस तरह से शरीर से चिपकाकर लाने की योजना अत्यंत पेशेवर और संगठित तरीके से बनाई गई थी। CISF के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस स्तर की तस्करी को रोकना एजेंसियों की सतर्कता और मानव व्यवहार विश्लेषण की सफलता का उदाहरण है।
कस्टम और CISF का जॉइंट ऑपरेशन
CISF और कस्टम विभाग के संयुक्त ऑपरेशन से यह सफलता मिली है। दोनों एजेंसियों ने बिना समय गंवाए समन्वय के साथ काम किया और दंपति को हिरासत में लिया गया। अब उनसे गहन पूछताछ की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा रहा है कि इनके पीछे कौन सा नेटवर्क काम कर रहा है और कहां-कहां इसकी जड़ें फैली हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह केवल एक ट्रांजिट डील नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक संगठित तस्करी गिरोह हो सकता है जो लगातार भारत में इस तरह से सोना लाने की कोशिश करता रहा है।
सूरत एयरपोर्ट पर यह तस्करी की अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना बाकी एयरपोर्ट्स के लिए भी एक चेतावनी है और सुरक्षा प्रणाली की सफलता का प्रमाण है।





