भोपाल।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता(senior leader) और पूर्व मंत्री (former minister) मुकेश नायक के बयान पर कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह का बचाव किया है। गोविंद सिंह ने आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्हें दल बदलू करार दिया है। मुकेश नायक जैसे नेता कांग्रेस पार्टी की छवि को कमजोर एवं खराब कर रहे हैं। उनकी जो भी समस्या थी किन्तु उन्हें सार्वजनिक तौर पर इसकी चर्चा नहीं करनी चाहिए थी।
आज मीडिया से चर्चा के दौरान गोविंद सिंह ने कहा है कि पार्टी में रहकर नायक पार्टी के नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र की राजनीति कर रहे हैं। मुकेश नायक का चरित्र हमेशा ही दल बदलू वाला रहा है। नायक एक अवसरवादी राजनीतिज्ञ हैं। अगर वह खुद को इतना ही सबसे समझते हैं तो उत्तर प्रदेश जैसे इलाके जहां पर कांग्रेस की स्थिति बेहद खस्ता है वहां जाकर कांग्रेस को ऊपर उठाने का कार्य करें।
गोविंद सिंह यही नही रुके उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में अभी कांग्रेस की सरकार विपरीत परिस्थितियों में जूझ रही है। बशर्ते वहां कांग्रेस का साथ देने की बजाय वह कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र की राजनीति कर रहे हैं। यह न कहीं से शोभनीय है और ना ही प्रशंसा के योग्य है। वही गोविंद सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ता के एफआईआर वाले सवाल पर कहा कि अगर बीजेपी के कार्यकर्ता कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर हमला करते हैं तो कार्यवाही के निर्देश भी दिए जाएंगे। लाठी चलाना और अपरण कराना भाजपा की संस्कृति रही है। बीजेपी ने हमारे विधायकों का अपहरण किया है। वहीं केंद्र के मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदीराज में प्रजातंत्र खतरे में आ गया है।
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश नायक ने प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ हो रही राजनीति के लिए दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि आज जो भी कांग्रेस की स्थिति है उसके लिए दिग्विजय सिंह पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। ऐसे में एक बार फिर सरकार और कांग्रेस में आपसी फूट नजर आ रही है।एक तरफ नायक दिग्विजय पर सीधा आरोप लगा रहे है वही दूसरी तरफ कमलनाथ के मंत्री विरोध में उतर आए है।हैरानी की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ तक दिग्विजय के समर्थन में बयान दे रहे है, ऐसे में मुकेश नायक ने विरोधी बयान देकर अपनी ही पार्टी में खलबली मचा दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कमलनाथ इस बिखराव को कैसे रोकते है।