ग्वालियर,अतुल सक्सेना
सत्ताधारी दल के नेताओं को ये भरोसा होता है कि सरकारी अफसर उनकी बात को सिर्फ सुनेंगे ही नहीं बल्कि उस पर एक्शन भी लेंगे। लेकिन ग्वालियर में ये मुगालता साबित हो रहा है। यहाँ छोटे नेताओं की बात तो अलग है निगम कमिश्नर भाजपा सांसद की बात को ही तबज्जो नहीं दे रहे। खास बात ये है कि भाजपा सांसद महापौर रह चुके हैं और ये कमिश्नर भी उनके कार्यकाल में पदस्थ रहे हैं।
कांग्रेस की सरकार को मात्र 15 महीने में गिराकर कुर्सी पर काबिज होने वाली भाजपा के नेताओं को ये लगने लगा था कि 15 साल के उनके शासनकाल के बाद 15 महीनों में उनकी जो अनदेखी हुई, अफसरों ने तबज्जों देना कम किया, जो काम बताये उसमें रुचि नहीं दिखाई ये सब बंद हो जायेगा लेकिन भाजपा नेताओं की ये सोच गलत साबित हुई। उनके लिए ये मुगालता जैसा हो गया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं भाजपा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, जिन्हें नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन तबज्जो नहीं दे रहे। बकौल सांसद विवेक नारायण शेजवलकर उन्होंने पिछले 11 महीने में शहर विकास की योजनाओं और कार्यों से संबंधित 31पत्र नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को लिखे। इनमें बताई गई समस्याओं का निराकरण तो दूर कमिश्नर ने एक पत्र का भी जबाब देना जरूरी नहीं समझा। कमिश्नर द्वारा उन्हें और उनको पत्रों को इग्नोर किये जाने के बाद अब सांसद ने कमिश्नर की शिकायत प्रमुख सचिव से की है।
जानकारी के मुताबिक भाजपा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने 20 जुलाई 2019 से लेकर 16 जून 2020 तक शहर के लोगों से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को लेकर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को 31 पत्र लिखे। लेकिन कमिश्नर ने इनमें से एक भी पत्र का न तो जवाब दिया न ही पत्र में बताई गई समस्याओं पर गौर किया। बताया जाता है कि कमिश्नर संदीप माकिन को जो पत्र भेजे गए हैं उनमें आम जनता से जुड़े मुद्दे जैसे सड़क, पानी, बिजली, सफाई व्यवस्था के काम शामिल है। तो वहीं कुछ पत्रों में पार्क संधारण, नए पार्क बनाने, स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को बेहतर करने, अमृत योजना के तहत लाइन का जुड़ाव की बात कही गई है। बावजूद इसके कमिश्नर ने सांसद के पत्रों इग्नोर कर दिया। जब इन पत्रों का जवाब नहीं मिला तो सांसद शेजवलकर ने सभी 31 पत्रों का बंच बनाकर भेजा लेकिन फिर भी कमिश्नर ने ध्यान नहीं दिया। कमिश्नर के इस रवैये के बाद सांसद नाराज हैं उन्होंने सख्त टीप लगाकर विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की है। और इसकी प्रति संभाग आयुक्त एवं नगर निगम प्रशासक एमबी ओझा को भेजा है। सांसद का कहना है कि सरकार को और मंत्रियों को एक्शन लेना चाहिए मामला सामने आने के बाद संभाग आयुक्त एवं निगम प्रशासक एक्शन लेने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि यदि लापरवाही है तो एक्शन होगा।
गौरतलब है कि ग्वालियर भाजपा का गढ़ है। इस शहर ने भाजपा को राजमाता विजया राजे सिंधिया, अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई दिग्गज नेता दिये। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी इस शहर से गहरा नाता है। और अभी पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार गिराने में भी इस शहर का बड़ा योगदान रहा है। भाजपा की ताकत का अंदाजा होने के बाद भी कमिश्नर द्वारा सत्ताधारी दल के ही सांसद को इग्नोर करना वाकई बड़ी बात है। यहाँ ये बताना भी जरूरी है कि वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवलकर महापौर रहे चुके हैं और इनके कार्यकाल के दौरान संदीप माकिन कमिश्नर रहे चुके हैं बावजूद इसके कमिश्नर का रवैया नगर निगम सहित शहर के राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।