जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पिछड़े वर्ग ओबीसी को सरकारी नौकरी में बढ़े हुए 27% आरक्षण पर फ़िलहाल रोक बरकरार रखी है। ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटाने के लिए आज जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि बढे हुए 27% पर अभी रोक जारी रहेगी। जिसकी अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी।
दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट ने ओबीसी के आरक्षण कोटा 14% से बढ़ाकर 27 फ़ीसदी करने के फैसले पर रोक बरकरार रखी है। हाई कोर्ट ने बड़े हुए ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक हटाने से इनकार करते हुए कहा कि आगामी आदेश तक प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 14 फ़ीसदी आरक्षण ही दिया जाएगा। वहीं इस मामले में आखिरी सुनवाई 18 अगस्त तय की गई है। बता दे कि जबलपुर हाईकोर्ट में दायर 11 याचिका में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई है। वही इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल जीतू पटवारी, सचिन यादव, विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, राहुल लोधी ने सरकार से मांग की थी कि वह अपनी ओर से अदालत में 27 फ़ीसदी आरक्षण लागू करने के लिए अपनी बात पेश करें।
ओबीसी के साथ हो रहा अन्याय
हालांकि हाईकोर्ट की सुनवाई आने के बाद एक तरफ जहां राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि आरक्षण की सीमा 50 % से ज्यादा नहीं हो सकती। इसे देखते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने फिलहाल बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रखा है। जबकि वहीं विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेर रही है विपक्ष का कहना है कि शिवराज सरकार के राज में ओबीसी के साथ अन्याय हो रहा है। अन्य पिछड़े वर्ग को उसके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।
तत्काल लागू हो OBC को 27% आरक्षण- जीतू पटवारी
कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था। उसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण विधेयक विद्धेष की बली नहीं चढ़ने पाए। पटवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में अकेले अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या लगभग 54 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की तरक्की और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक कार्य किये हैं। अब उनको उनका हक़ मिलना चाहिए।
बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के आने के बाद उन्होंने ओबीसी के आरक्षण कोटा को 14% से बढ़ाकर 27% करने का फैसला किया था। जिसके बाद करीबन 11 याचिका दायर कर हाईकोर्ट में कमलनाथ सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी। जिसके बाद 19 मार्च 2019 को जबलपुर हाईकोर्ट ने कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी। जहां हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि फिलहाल मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14% ही मान्य किया जाएगा। अब इस मामले में आखिरी सुनवाई 18 अगस्त को होनी है। वहीं उपचुनाव को देखते हुए विपक्ष इस मौके को साधने की कोशिश जरूर करेगी।