किसान आंदोलन पर ग्रह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान, कही ये बात 

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश के गृह, जेल एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra )ने दिल्ली में चल रहे किसान आन्दोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है।  उन्होंने कहा कि सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC)को लेकर शाहीन बाग (Shaheen bagh) में हुए आंदोलन में शामिल कुछ लोग बिन बुलाए मेहमान की तर्ज पर किसान आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं और उनके द्वारा किसानों को बरगलाने की करने की कोशिश की जा रही है।लेकिन उनके ये मंसूबे सफल नहीं होंगे और सरकार एवं किसानों की बातचीत सफल होगी।

सिंगरौली जाते समय जबलपुर प्रवास पर आए कैबिनेट मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा  कि सरकार अपने स्तर पर आंदोलनकारी किसानों से बात कर रही है और चर्चा सार्थक दिशा में आगे बढ़ रही है। उनका दावा है कि जल्द ही इस मसले का समाधान निकल आएगा। प्रदेश के गृह और जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मानें तो शाहीनबाग आंदोलन में शामिल कुछ लोग भले ही किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हो लेकिन देश का किसान समझदार है और वे उनके झांसे में नहीं आने वाले। सिंगरौली जाने के पहले जबलपुर के डुमना विमानतल पर कुछ देर के लिए रुके प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा सत्र को लेकर कहा है कि सत्र में जनकल्याण और जन हितेषी कई विधेयक आने वाले हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार की मंशा है कि इसी सत्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी चुनाव करा लिया जाए।

प्रदेश में कोरोना की दोबारा दस्तक को लेकर गृहमंत्री ने दावा किया है कि प्रदेश के इंदौर और भोपाल में कोरोना उन्हीं जगहों पर दोबारा अपने पैर पसार रहा है जहां इसके पहले उसने दस्तक दी थी. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर इंदौर और भोपाल में कोरोना की रफ्तार को काबू में कर लिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है और मरीजों के लिए आईसीयू, वेंटीलेटर और सामान्य बेड के स्वास्थ्य की अन्य जरूरी सुविधाओं का इंतजाम कर लिया गया है। प्रदेश के गृह और जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने विभागों सुधार की दिशा में किए जा रहे कामों का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से भले ही सुधार कार्य की गति धीमी रही लेकिन अब अनेक अहम कदम उठाए जा रहे हैं जिनका असर आने वाले दिनों में दिखने लगेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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