क्या आपको भी सीखना है अंग्रेज़ी! दारू के ठेके पर आइये और ‘दिनदहाड़े’ इंग्लिश बोलना सीखिए

अब तक आपने शराब पीन के बाद लोगों को अंग्रेज़ी बोलते तो सुना होगा, लेकिन शराब के ठेके पर अंग्रेज़ी सिखाई जाएगी..ये बात कुछ नई है। ये कारनामा हो रहा है बुरहानपुर में। ताज्जुब की बात है कि इतना बड़ा बोर्ड अब तक अधिकारियों के नज़र से ओझल कैसे रहा। हालाँकि अब कलेक्टर ने इसपर कार्रवाई की बात कही है, लेकिन इस दौरान जिन्होंने यहाँ आकर अंग्रेज़ी सीखने का मन बना लिया होगा, उनके सपने ज़रूर टूट जाएँगे और अब उन्हें इसके लिए कोई और ठौर ढूँढना पड़ेगा।

MP News : क्या आपकी अंग्रेज़ी कमज़ोर है ? क्या आप फर्राटेदार अंग्रेज़ी सीखना चाहते हैं ? क्या आपको भी अंग्रेज़ी न आने के कारण करियर बनाने में दिक़्क़त आ रही है ? तो हम आपको एक ऐसी जगह बताने जा रहे हैं जहां ‘दिनदहाड़े इंग्लिश बोलना’ सिखाया जा रहा है।

अंग्रेज़ी सिखाने की दुकान

इंग्लिश सीखने के लिए जानें कितने लोग हज़ारों-लाखों खर्च कर देते हैं। पर्सनल ट्यूशन, कोचिंग, ऑनलाइन क्लासेस, गाइड-बुक्स, सेल्फ़ प्रैक्टिस और जानें क्या क्या क़वायद नहीं करते। इंग्लिश हमारे यहाँ सिर्फ भाषा नहीं..स्टेटस सिंबल मानी जाती है। यही वजह है कि गली गली में आपको इंग्लिश सिखाने का दावा करने वाले इश्तिहार दिख जाएँगे। कोई कहता है कि दो महीने में फ़र्राटे से इंग्लिश बोलना सिखा देंगे तो किसी का दावा होता है कि सिर्फ़ भाषा ही नहीं, आपकी पूरी पर्सनालिटी बदल देंगे। लोग भी इन लुभावने ऑफर को देखकर महँगी फ़ीस देने को तैयार हो जाते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि एक ऐसी जगह है जहां आपको ‘दिनदहाड़े इंग्लिश बोलना’ सिखाया जाता है, वो भी मय और सुरूर के बीच…तो आप क्या कहेंगे।

शराब पीजिए अंग्रेज़ी सीखिए!

जी हाँ..आपने सही पढ़ा। बुरहानपुर में एक दारू के ठेके के बाहर ये बोर्ड लगा है। इसपर लिखा है ‘दिनदहाड़े इंग्लिश बोलना सीखें’। इसके बाद ठेके की दिशा बताते हुए साइन बनाया गया है। इस तरह ये ठेका आपको इंग्लिश सिखाने की गारंटी दे रहा है वो भी दिनदहाड़े। अब भला कोई ठेके पर अंग्रेज़ी कैसे सिखाएगा ? ये लोगों को भटकाने वाला विज्ञापन है..ये कहना है एक स्थानीय युवक। उसके मुताबिक़ ‘अच्छी अच्छी कोचिंग क्लासेस हैं और इस बीच इस तरह के बोर्ड लोगों का ध्यान भटकाते हैं’। ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब प्रशासन भी हरकत में आया है। इस बारे में जब बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वो आबकारी अधिकारी के माध्यम से कार्रवाई करेंगे। अब कलेक्टर महोदया भले ही कार्रवाई की बात कर रही हैं..लेकिन सवाल ये भी है कि इतना बड़ा बोर्ड इतने दिनों तक शहर में लगा रहा और अधिकारियों को आख़िर इसकी ख़बर कैसे नहीं हुई ?

बुरहानपुर से शेख़ रईस की रिपोर्ट


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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