ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) द्वारा आयोजित वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में टॉपर्स के एक जैसे नंबर आने के बाद से कृषि छात्रों (Agriculture Students)का गुस्सा प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के खिलाफ भड़क रहा है। ग्वालियर में कृषि छात्र (Agriculture Students) 17 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे है। न्याय नहीं मिल पाने से आक्रोशित कृषि छात्रों (Agriculture Students)ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) के सहसकीय आवास के बाहर धरना दिया और अपने खून से राष्ट्रपति (President) और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) को पत्र लिखकर मांग की कि या तो हमें न्याय मिले या हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाये। गौरताब है कि छात्रों ने गुरुवार को PEB की अर्थी निकाली थी, शुक्रवार को अस्थियों को गंदे नाले में विसर्जित किया और सोमवार को वे अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर चुके हैं।
प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) अधिकारियों की धांधली के खिलाफ आंदोलन कर रहे कृषि छात्रों ने चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में मंगलवार को रेसकोर्स रोड स्थित केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) के बंगले के बाहर धरना दिया। छात्रों ने यहाँ मध्यप्रदेश सरकार और प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) के खिलाफ नारेबाजी की। न्याय की मांग कर रहे कृषि छात्रों (Agriculture Students) ने यहाँ अपने खून से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एस ए बोबड़े (CJI S A Bobde) को पत्र लिखकर मांग की कि या तो उन्हें न्याय मिले या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाये।
छात्रों ने कहा कि किसी भी परीक्षा में सभी 10 टॉपर्स के एक जैसे नंबर नहीं आ सकते लेकिन PEB ने ये कारनामा कर दिखाया है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे Msc अंतिम वर्ष के छात्र सुनील कुमार उपाध्याय ने आरोप लगाया कि 10 और 11 फरवरी को हुई कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा का पेपर अधिकारियों ने यहाँ लीक करवाया है इसीलिए उन छात्रों ने टॉप किया जिन्हें हिंदी लिखना नहीं आती। उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यापम का नाम बदलकर PEB कर दिया लेकिन इनके काले कारनामे अभी भी जारी हैं। ये घोटाला व्यापम पार्ट 2 है।
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आक्रोशित छात्रों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) से अपील करते हुए कहा कि मामा आप कहते हो माफिया को, भ्रष्टाचार करने वालों को उखड फेंकोगे लेकिन ये पेपर माफिया पर मेहरबानी क्यों हो रही है। हमें जाँच का आश्वासन दिया गया है लेकिन ये नहीं पता कि जाँच कब शुरू होगी और कब तक रिपोर्ट आएगी। छात्रों ने कहा कि ये कोई प्रतिष्ठा की लड़ाई नहीं है ये अब जिंदगी और मौत की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) के बंगले के बाहर धरना देने का सिर्फ ये उदेश्य है कि भारत सरकार तक ये बात तो पहुंचे कि मध्यप्रदेश में आखिर हो क्या रहा है, कैसे छात्रों का भविष्य ख़राब किया जा रहा है।