कई नए वर्षों के उल्लास वाला देश है भारत- प्रवीण कक्कड़

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ठिठुरती ठंड में नया साल (New Year) दस्तक दे चुका है। जगह-जगह नए साल के कार्यक्रम हो रहे हैं। बधाइयों का तांता लगा है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी अभी सुनाई दे रही हैं, लेकिन अभी तो जश्न कायम है। इस नए साल का स्वागत जो हम कर रहे हैं असल में यह ग्रेगेरियन पंचांग (Gregorian Almanac) से शुरू हुआ नववर्ष है। इस पंचांग को आए अब 2022 वर्ष हो गए हैं। वर्ष क्या है, अपनी-अपनी सभ्यता की उम्र नापने की एक इकाई है। भारत (India) तो विविध संस्कृति और सभ्यताओं से बना देश है। कुल मिलाकर कई नए वर्षों के जश्न और उल्लास वाला देश है भारत।

भारतीय दृष्टिकोण से देखें तो शक संवत हमारा मुख्य संवत होता है। इसी के आधार पर हम काल की गणना करते हैं। इसके अलावा विक्रम संवत भी भारत में खासा प्रचलित है। अगर ध्यान से देखें तो ग्रेगेरियन पंचांग और भारतीय पंचांग में बुनियादी अंतर यह है कि ग्रेगोरियन पंचांग में दिन, महीने और साल इन सभी की गणना सूर्य की स्थिति के आधार पर होती है। इस तरह से यह सौर पंचांग है।


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Kashish Trivedi

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