कोरोना संक्रमण में मदद करने आगे आई भारतीय सेना, बनेगी मध्यप्रदेश सरकार की हमकदम

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को नियंत्रित करने में भारतीय सेना (Indian Army) मैदान में उतरेगी। भारतीय सेना (Indian Army) मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) की हमकदम बनकर कोरोना नियंत्रण के लिए हरसंभव उपाय करेगी। भारतीय सेना (Indian Army) ने मध्य प्रदेश (MP) से पहल करते हुए कहा है कि संक्रमितों के इलाज के लिए अब सेना के अस्पतालों का उपयोग किया जा सकेगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) से सेना के सहयोग की अपील की थी, अपील के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  (Defense Minister Rajnath Singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)  को आश्वासन दिया था कि मध्यप्रदेश स्थित आर्मी अस्पताल (Army Hospitals) की सेवाएं कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए खोल दी जाएँगी।

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh)  से बातचीत के बाद सुदर्शन चक्र कोर कमांडर अतुल्य सोलंकी और ब्रिगेडियर आशुतोष शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।  सैन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)  को बताया कि कोरोना संक्रमित रोगियों को सेना के अस्पतालों और आइसोलेशन केंद्रों में स्थान दिया जाएगा। सेना के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल में 150, जबलपुर में 100, सागर में 40 और ग्वालियर में 40 बेड की व्यवस्था भारतीय सेना (Indian Army) अपने अस्पतालों में करेगी।  सेना ने अन्य स्वास्थ्य व्यवस्था में भी सहयोग का भरोसा दिलाया है। सेना के अधिकारियों ने मरीजों की पूरी देखभाल के लिए पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए भी आश्वस्त किया।

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उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने सेना के अधिकारियों से कहा कि आवश्यकता हुई तो मप्र शासन सेना के अस्पतालों में आइसोलेटेड रोगियों के लिए ऑक्सीजन व्यवस्था भी उपलब्ध करवाएगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक तरह का युद्ध है। सेना के साथ हम मिलकर लड़ेंगे और विजय प्राप्त करेंगे। भारतीय सेना पर हमें गर्व है ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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