जिलाधिकारी मनीष सिंह (manish singh) ने मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ अमीनुल खान सूरी (Dr Aminul Khan Suri) को कारण बताओ नोटिस (So cause notice) जारी कर पूछा है कि उन्हें इंदौर और पड़ोसी जिलों की सीमा से क्यों न निकाला जाए। चूड़ी विक्रेता पर हमले के बाद सेंट्रल कोतवाली पुलिस स्टेशन में सांप्रदायिक आधार पर भीड़ को उकसाने के आरोपी लोगों की सूची में सूरी का नाम शामिल होने के बाद नोटिस जारी किया गया।
नोटिस एसपी (पूर्व) की सिफारिशों पर आधारित था। बाणगंगा क्षेत्र में 22 अगस्त को सिंह ने मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 की धारा 8 के प्रावधानों को लागू करते हुए सूरी को अपना पक्ष रखने के लिए 13 सितंबर को उनके सामने पेश होने को कहा है। सूरी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि केंद्रीय कोतली पुलिस स्टेशन में विरोध प्रदर्शन से संबंधित अन्य अज्ञात लोगों के साथ प्राथमिकी में तीन लोगों को नामित किया गया था। जांच के दौरान, सूरी की संलिप्तता देखी गई थी। जिसके बाद उसे आरोपियों की सूची में जोड़ा गया था। प्रदर्शनकारी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी नाम का इस्तेमाल कर चूड़ी विक्रेता की पिटाई की। बाद में उस पर एक नाबालिग के साथ अभद्र व्यवहार करने का मामला दर्ज किया गया था।
दंत चिकित्सक सूरी ने कहा कि वह उस रात थाने में मौजूद थे और चूड़ी विक्रेता पर हमला करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहे थे। जब भीड़ इकट्ठी हुई तो मैं थाने के अंदर था। मैं विरोध प्रदर्शन के आयोजन में कहीं भी शामिल नहीं था। मेरे खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं किया जा सका। मैंने कोई नारा नहीं लगाया और कानून के खिलाफ किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं था।
जिला मजिस्ट्रेट का नोटिस एसपी की सिफारिश पर आधारित है। वहीँ सूरी और उसके दोस्त एक गिरोह बनाकर और समाज के एक वर्ग को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और सांप्रदायिक विवाद पैदा करने की मानसिकता के साथ गंभीर अपराध कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर विपक्ष को चुप कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट किया, ‘क्या बीजेपी सरकार विपक्ष और लोकतंत्र की आवाज को खत्म करना चाहती है? विपक्ष को इतना कमजोर मत समझो।