जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर के तिलहरी स्थित बेकरी में करीब 17 नाबालिगों को बंधुआ मजदूरी के शिकंजे से छुड़ाया गया। दोषी बेकरी मालिक और मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि इन बाल मजदूरों से जानवरों की तरह बर्ताव किया जाता था, नशे की दवाइयां देकर 12-12 घण्टे काम करवाया जाता था और मजदूरी के नाम पर मारपीट की जाती थी।
तिलहरी स्थित द ओवन क्लासिक बेकरी में नाबालिगों से जबरन मजदूरी करवाने का मामला तब सामने आया जब संयोगवश वहां काम करने वाले एक बच्चे की मुलाकात भोपाल जीआरपी के अधिकारी से हुई। जानकारी के मुताबिक यह बच्चा मौका देखकर बेकरी से भाग निकला था और बस पकड़ कर भोपाल आगया था। इस बच्चे ने आरक्षक द्वारा पूछे जाने पर सारी बात उन्हें बताई साथ ही उसके साथ उसके बाकी साथियों से मजदूरी कराए जाने की बात भी बताई। मामले का पता चलते ही श्रम विभाग के अधिकारियों सहित गोराबाजार पुलिस ने बेकरी में छापा मारा।
बेकरी में दबिश डालने पर वहाँ की स्थिति देखकर सभी अधिकारियों के होश उड़ गए। बेकरी में करीब 36 बंधुआ मजदूर मौजूद थे जिनमें से 17 नाबालिग थे। इन सभी की उम्र 15 वर्ष से 17 वर्ष के बीच की है। बेकरी में इन सभी श्रमिकों से जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता था। मजदूरी के नाम पर इन बच्चों को मारपीट मिलती थी और ज़्यादा काम निकलवाने के लिए बेकरी का मालिक इन सभी को नशे की दवाइयां भी देता था।
इन सभी बच्चों को रेस्क्यू कर पुलिस ने इन्हें गोकलपुर स्थित बालगृह में काउंसिलिंग के लिए रखा है।काउंसिलिंग के उपरांत इन बच्चों को इनके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। पुलिस ने बेकरी मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया और बाल श्रम की धाराओं के आधार पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।