भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(madhya pradesh) में कोरोना (corona) संक्रमण से हुए मौतों के आंकड़ों पर लगातार सवालिया निशान खड़े हुए हैं। अब इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (kamalnath) ने बड़ा दावा किया है। कोरोना की दूसरी लहर में हुए मौतों की संख्या पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि मार्च से अप्रैल महीने के बीच मध्य प्रदेश में कुल एक लाख से अधिक मौतें कोरोना से हुई है।
दरअसल आज पत्रकार वार्ता में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की घोषणा अब डायरिया का रूप ले चुकी है। पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार घोषणा की सरकार है। वह घोषणाएं करती हैं लेकिन जनता को घोषणा का लाभ मिल रहा है या नहीं। इस पर सरकार की नजर नहीं है।
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साथ ही कमलनाथ ने कहा कि कोरोना काल में कितने लोगों ने अपने आश्रितों को खोया है। कई परिवार ने ऐसे सदस्य खो दिया है जो घर में इकलौता आर्थिक सहायक था। अब ऐसी स्थिति में उन परिवारों की जिम्मेदारी किसकी है। उन परिवारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 5000 प्रतिमाह पेंशन की बात कही गई है लेकिन कितने लोगों को पेंशन योजना का लाभ पहुंचेगा। इसके लिए सरकार की रणनीति उजागर होने चाहिए।
इसके साथ ही कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा है कि मध्य प्रदेश में पिछले 2 महीने में हुए कोरोना से मौतों के PIL निकाले जाए। इसमें कांग्रेस पत्रकारों के साथ है और उन्होंने दावा किया है कि उनके द्वारा बताए गए आंकड़े सही साबित होंगे। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों की संख्या को लेकर लगातार बड़ा विवाद खड़ा हुआ है।
जहां कई राजनेता सहित अन्य विशेषज्ञ द्वारा दावे किए गए हैं कि जितने आंकड़े सरकार बता रही है। उससे कहीं अधिक लोगों की मौत कोरोना से हुई है। अब ऐसी स्थिति में कमलनाथ के दावे ने एक बार फिर से राजनीतिक गलियारे में विरोध की हवा छेड़ दी है। कमलनाथ के इस बयान पर अब सरकार की तरफ से क्या पलटवार होते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा।