मध्य प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल खजुराहो के आसपास बढ़ते अवैध अतिक्रमण पर खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने लोकसभा में गंभीर चिंता व्यक्त की है। सांसद ने इस सांस्कृतिक-ऐतिहासिक परिसर की मूल संरचना, स्थानीय धार्मिक आस्था और पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे खतरे को उजागर कर ध्यानाकर्षण किया।
शर्मा ने बताया, UNESCO द्वारा विश्व धरोहर घोषित खजुराहो समूह के मंदिर, जिनमें कंदारिया महादेव, देवी जगदंबा और पार्श्वनाथ जैसे प्रमुख मंदिर शामिल हैं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में हैं। ये स्थल अपनी प्राचीनता और अद्वितीय कला के लिए अत्यंत संवेदनशील माने जाते हैं।
अतिक्रमण और निगरानी में कमी
सांसद शर्मा ने बताया कि कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की वर्ष 2022 की रिपोर्ट संख्या 10 ने भी इन खामियों पर प्रकाश डाला था। रिपोर्ट में खजुराहो सहित कई संरक्षित स्मारकों के बफर-जोन प्रबंधन में कमियां और निगरानी तंत्र की कमजोरियां स्पष्ट रूप से बताई गई थीं।
बीते वर्षों में, ASI ने स्वयं खजुराहो के बफर-ज़ोन में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों की जांच की है। इन अनधिकृत गतिविधियों को पुरातत्व अधिनियम का प्रत्यक्ष उल्लंघन माना गया है, जिससे धरोहरों की मूल संरचना को क्षति पहुंचने का खतरा है।
संरक्षण हेतु वीडी ने रखी प्रमुख मांगें
इन गंभीर खतरों को देखते हुए, वीडी शर्मा ने लोकसभा में निम्नलिखित मांगों पर ज़ोर दिया, जिसमें
अधिकारियों से आग्रह किया गया कि खजुराहो क्षेत्र की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहरों का व्यापक सर्वेक्षण और फॉरेंसिक ऑडिट तत्काल कराया जाए। इससे अतिक्रमण की सही स्थिति का आकलन हो सकेगा।
सभी अवैध अतिक्रमणों को अविलंब हटाकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग भी उठी।
बफर-ज़ोन की सीमाओं को वैज्ञानिक रूप से पुनर्परिभाषित कर उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे अतिक्रमणों को रोका जा सके।
इसके अलावा मध्य प्रदेश बीजेपी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद ने यह भी सुझाव दिया गया कि राज्य सरकार के अधीन कई पुरातात्विक और ऐतिहासिक संपत्तियां अवैध कब्ज़े में हैं। इन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में लाया जाना चाहिए। इससे विशेषज्ञ संस्था द्वारा उनका दीर्घकालिक और उच्च-स्तरीय संरक्षण संभव हो सकेगा।





