‘धरे रह गए सर्वे, कमलनाथ कह रहे थे 26 -27 सीटें जीत रहे’ कांग्रेस विधायक का वीडियो वायरल

Gaurav Sharma
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पूर्व की कमलनाथ सरकार (Former Kamalnath Government) में कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) रहे और मौजूदा विधायक लाखन सिंह यादव (MLA Lakhan Singh Yadav) के कांग्रेस के नेतृत्व (Congress leadership) पर सवाल उठाने का एक वीडियो सोशल मीडिया (Social media) पर जमकर वायरल हो रहा है।

वीडियो में लाखन सिंह यादव कहते ये कहते हुए नजर आ रहे है कि अगर उपचुनाव (Byelection) में भी टिकट (Tickets) को सही तरह से वितरित (Distributed) किया जाता तो कांग्रेस सभी सीटों पर जीत (Victory) हासिल करती। विधायक लाखन सिंह यादव अपने भाषण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं (Congress Senior leaders)  पर भी सवाल खड़े करते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के इस बड़े नेता के बयान से पार्टी में चल रही गुटबाजी (groupism)  भी साफ तौर पर नजर आ रही है।

दरअसल पूरा मामला कॉन्ग्रेस के ग्वालियर कार्यालय (Gwalior Congress Office) का है, जहां कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे लाखन सिंह यादव (Lakhan Singh Yadav) अपने भाषण में कह रहे है कि अगर 28 सीटों पर हुए मध्यप्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी टिकट का वितरण सही तरह से करती तो हम सभी सीटें जीत जाते । आगे लाखन सिंह यादव कहते हैं कि प्रभारी बार-बार चिल्ला रहे थे कि सर्वे के आधार पर टिकट दिए जा रहे हैं, लेकिन नतीजों ने बता दिया कि सर्वे धरे के धरे रह गए, इससे यह साफ तौर पर पता चल गया की प्रभारियों की क्या हैसियत है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि उपचुनाव की वोटिंग के दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) को फोन करके स्थिति पूछी थी तो कमलनाथ (Kamal Nath) ने उनसे कहा था कि कांग्रेस 26-27 सीटें जीत रही है, लेकिन उपचुनाव के परिणाम (By-Eletion Results) ने बता दिया कि सर्वे की क्या हालत है।

आगामी नगर निकाय चुनाव (Municipal elections) को लेकर चर्चा करते हुए हैं लाखन सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में 15 महीने की कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने पार्टी के कार्यकर्ताओं (Party Workers) की एक नहीं सुनी। कार्यकर्ता खुद की ही सरकार से दुखी थे। आगे ज्योतिराज सिंधिया और उनके समर्थक द्वारा कांग्रेस पार्टी छोड़े जाने के बाद बीजेपी का हाथ थामने को लेकर पूर्व मंत्री कहते हैं कि कांग्रेस छोड़कर जाने वाले विधायकों ने इतना नंगा नाच किया जिस दिन कमलनाथ की सरकार गई, उस दिन सच्चे कांग्रेसियों को काफी खुशी हुई।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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