Gwalior News: सिहोरा में एडवोकेट पर हुए हमले के विरोध में वकीलों ने की हड़ताल

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। जबलपुर (Jabalpur)के सिहोरा में एक वकील पर हुए कातिलाना हमले के बाद एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) लागू किये जाने की मांग तेज हो गई है। हमले विरोध में ग्वालियर (Gwalior) में वकील हड़ताल पर रहे। यह हड़ताल सुबह 10:30 से लेकर दोपहर भोजन अवकाश तक रही। वकीलों का कहना है कि फिलहाल यह सांकेतिक हड़ताल है यदि वकीलों की सुरक्षा कोर्ट और कोर्ट के बाहर सरकार ने तय करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।

ग्वालियर जिला न्यायालय (Gwalior District Court) के बाहर वकीलों ने सिहोरा में अपने साथी पर हुए हमले की तीखे शब्दों में निंदा की। वकीलों का कहना है कि वह पक्षकार के पक्ष में पैरवी करते हैं इसलिए विरोधी पक्ष से हमेशा उन्हें खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) की मांग कई सालों से चली आ रही है लेकिन चुनाव से पहले हर पार्टी वादा करती है लेकिन चुनाव के बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है इसलिए वकील अब निर्णायक लड़ाई चाहते हैं। वकीलों ने कहा कि चाहे सरकार भाजपा की रही हो या कांग्रेस की, किसी ने भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने में गंभीरता नहीं दिखाई है।

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गौरतलब है कि सिहोरा के वकील सूर्यभान सिंह जब कोर्ट से बाहर निकल कर आ रहे थे तभी सिविल कोर्ट के पुराने गेट पर अचानक ही उनके सामने दो युवक आए और दनादन उन पर फायरिंग कर दी। गोली वकील सूर्यभान सिंह के पेट के नीचे लगी।  वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से आरोपी फरार हो गए। घायल वकील सूर्यभान सिंह को जबलपुर (Jabalpur) के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस घटना को लेकर प्रदेश भर के वकीलों में रोष है। वकीलों ने एक बार फिर सरकार से अपने किए गए वादे पर अमल कर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) लागू करने की मांग दोहराई है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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