केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, कर्मचारियों के 3% DA वृद्धि और एरियर्स पर आई बड़ी अपडेट, AICPI के तहत मिलेगा वेतन

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार (Modi government) के 7th pay commission कर्मचारियों (employees) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल 16 मार्च को मोदी सरकार ने कर्मचारियों के लिए DA वृद्धि (DA Hike) पर अंकुश लगा दिया है। मोदी सरकार ने कहा कि कर्मचारियों-पेंशन भोगियों (pensioners) की DA और DR में वृद्धि दर को बढ़ाने या संशोधित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा कि पेंशन भोगियों के महंगाई राहत और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पहले से ही मुद्रास्फीति की दर के आधार पर निर्धारित किए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता या डीए 3 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता वैध नहीं है। यह बढ़ोतरी मुद्रास्फीति की दर के बराबर ही AICPI के आधार पर की गई है। सरकारी कर्मचारियों के डीए वृद्धि के मुद्दे पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट की बैठक होने की उम्मीद थी, लेकिन किसी निर्णय पर कोई आधिकारिक वृद्धि की अपडेट नहीं है।

एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि कर्मचारियों के डीए डीए में अभी फिलहाल वृद्धि की कोई संभावना नहीं है। केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को डीए और डीआर वृद्धि की गणना औद्योगिक श्रमिक के लिए AICPI के आधार पर मुद्रास्फीति की दर के आधार पर निर्धारित की जाती है। वहीं पिछली दो तिमाहियों से मुद्रास्फीति की दर 5 फीसद रिकॉर्ड की गई है।

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3 % वृद्धि के बाद इतनी बढ़ेगी सैलरी

कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी जून या जुलाई महीने में की जा सकती है। तीन प्रतिशत की वृद्धि होने के साथ ही देवर का 34 फीसद हो जाएगा। वही DA में वृद्धि और पेंशनर्स के डीआर में हुई वृद्धि से उनके सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। कर्मचारियों के सैलरी और पेंशन में 30 हज़ार रूपए तक की वृद्धि संभव है।

इस सवाल के जवाब में कि क्या सरकार कीमतों के अनुसार डीए/डीआर देने पर विचार करेगी और डीए/डीआर को 3% पर स्थिर नहीं रखेगी, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि फ़िलहाल यह मुद्दा नहीं उठता है। पिछले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में औसत खुदरा महंगाई दर 5.08% थी। 2021 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में महंगाई की औसत दर 5.01% थी।

AICPIN Index

जनवरी 2022 के महीने के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या (AICPIN) प्रेस विज्ञप्ति का सांख्यिकीय डेटा श्रम ब्यूरो द्वारा 28 फरवरी 2022 को जारी किया गया। AICPI इंडेक्स 0.3 अंक गिरकर 125.1 पर रहा। श्रम और रोजगार मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय श्रम ब्यूरो देश के 88 औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण केंद्रों में फैले 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संकलित कर रहा है।

सूचकांक 88 केंद्रों और अखिल भारतीय के लिए संकलित किया गया है और अगले महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया जाता है। इस प्रेस विज्ञप्ति में जनवरी, 2022 माह का सूचकांक जारी किया जा रहा है। जनवरी, 2022 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.3 अंकों की कमी के साथ 125.1 पर रहा। 1 महीने के प्रतिशत परिवर्तन पर, यह पिछले महीने की तुलना में 0.24 प्रतिशत कम हो गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने के बीच 0.51 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी।

केंद्र स्तर पर पुडुचेरी में सबसे ज्यादा 7.3 अंक की गिरावट दर्ज की गई। अन्य में 5 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 13 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक और 33 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच गिरावट दर्ज की गई। इसके विपरीत लुधियाना में सबसे अधिक 2.3 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य में, 6 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक और 26 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि दर्ज की गई। बाकी 3 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे।

साल-दर-साल मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.56 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के दौरान 3.15 प्रतिशत की तुलना में 5.84 प्रतिशत रही। इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.93 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने के 2.38 प्रतिशत के मुकाबले 6.22 प्रतिशत रही।


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