दक्षता परीक्षा में फिसड्डी रहे प्रदेश के 900 से ज्यादा शिक्षक, कांग्रेस का सरकार पर हमला

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में बीते रविवार और सोमवार को दक्षता परीक्षा (Efficiency Test) का आयोजन उन शिक्षकों (Teachers) के लिए किया गया था जिन्होंने 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा में 40 फ़ीसदी से भी कम रिजल्ट(Result) दिया है। दक्षता परीक्षा का रिजल्ट आ गया है, जिसमें 900 से ज्यादा शिक्षक फेल (Fail) हो गए हैं। इस दक्षता परीक्षा (Efficiency test) में लगभग 10200 शिक्षकों की परीक्षा ली गई थी,जिसमें से 900 से ज्यादा शिक्षक फेल हो गए हैं। फेल हुए शिक्षकों में से 4 शिक्षक भोपाल के हैं। वहीं दक्षता परीक्षा में 577 शिक्षक शामिल नहीं हुए।

यह परीक्षा उन स्कूलों के शिक्षकों के लिए आयोजित की गई थी जिसने दसवीं से 12वीं की परीक्षाओं में छात्रों का रिजल्ट 40% से कम दिया है। ‌ इस दक्षता परीक्षा में राजधानी भोपाल के 62 टीचर्स को परीक्षा में शामिल होना पड़ा, वहीं सोमवार को मिडिल स्कूलों की दक्षता परीक्षा में भोपाल के 3 शिक्षक शामिल नहीं हुए। शामिल नहीं हुए शिक्षकों को डीईओ द्वारा नोटिस भी भेजा गया है। दक्षता परीक्षा में बैठे शिक्षकों का मूल्यांकन करा दिया गया है, जिसकी जानकारी प्रदेश के शिक्षकों को भेज दी गई है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।