Sun, Dec 28, 2025

MP Board: 10वीं और 12वीं परीक्षा के लिए तय किए गए मानक, निर्देश जारी, इनको लगेगा झटका

Written by:Kashish Trivedi
Published:
Last Updated:
MP Board: 10वीं और 12वीं परीक्षा के लिए तय किए गए मानक, निर्देश जारी, इनको लगेगा झटका

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में अप्रैल महीने से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं (board exam) शुरू हो जाएगी। इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। दरअसल पिछले साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट (result) औसत रहे थे। जिसके बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग ने दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए नए टारगेट तय कर दिए हैं।

दरअसल लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने जेडी और डीईओ (DEO) को निर्देश जारी किए है। जिसके मुताबिक इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट को सुधारने के लिए नए टारगेट सेट किए गए हैं। वही अधिकारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने निर्देश दिया है कि टारगेट पूरा ना होने पर स्कूल के शिक्षकों सहित प्राचार्य का इंक्रीमेंट रोकने के साथ-साथ उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

रिजल्ट के आधार पर श्रेणी निर्धारित

वहीं तय किए गए मानकों के आधार पर दसवीं का रिजल्ट 64% वही 12वीं के रिजल्ट 73% लाने को कहा गया है। वही बच्चों के रिजल्ट के आधार पर श्रेणी निर्धारित की गई है। जिसमें 80% या उससे अधिक नंबर लाने वाले विद्यार्थियों को A+ , 60 से 79% लाने वाले को A, 45 से 59% आने वाले B, वही 35 से 44% लाने वाले को C श्रेणी में रखा जाएगा।

Read More:  Weather : मध्यप्रदेश में यहां दिखा कश्मीर जैसा नजारा, छाई घने कोहरे की चादर

प्रक्रिया को पूरी करने के लिए डेडलाइन भी तय

इसके साथ ही साथ इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए डेडलाइन भी तय कर दी गई है। स्कूल के शिक्षक और प्राचार्य 25 जनवरी तक 10वीं और 12वीं के विषयों को पूरा करने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं इसके साथ-साथ अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। इसके मुताबिक जेडी, DEO, शिक्षक विद्यार्थियों के सहयोग से लक्ष्य और रिजल्ट की स्कूल व समीक्षा करेंगे। वहीं DEO द्वारा सभी स्कूलों के विषयवार कक्षावार फॉर्मेट के मुताबिक मॉनिटरिंग की जाएगी जबकि स्कूल के प्राचार्य कक्ष आवाज औसत के लिहाज से टारगेट तय करेंगे।

टारगेट तय 

यदि ऐसा नहीं होता है और टारगेट से शिक्षक और प्राचार्य 10 फीसद कम रह जाते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। जबकि लक्ष्य से 11 से 20% कम रिजल्ट देने पर शिक्षकों प्राचार्य का एक इंक्रीमेंट रोका जाएगा वहीं 21 से 40% की कमी रहने पर दो इन पेमेंट रुक जाएंगे जबकि 40% से कम आने पर विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वही समय सीमा के अंदर टारगेट पूरा करने वाले जेडी, प्राचार्य और शिक्षक को सम्मानित किया जाएगा।

बता दें कि पिछले साल दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में बड़ी संख्या में विज्ञान और गणित के विषय में बच्चों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। वही ओवरऑल रिजल्ट भी औसत तय किए गए थे। जिसके बाद से लगातार शिक्षा और रिजल्ट को सुधारने के लिए राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग प्रयासरत है।