भोपाल। पूरे देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में जहां कोरोना(corona) से फैल रहे संक्रमण की रफ्तार तेज है। वहीं दूसरी तरफ अब चुनाव आयोग(Election commission) ने 56 विधानसभा सीटों तथा एक संसदीय सीट पर उपचुनाव कराने का फैसला किया है। मप्र में 27 विधानसभा सीटें रिक्त होने के बाद यहां उपचुनाव होना है|
आयोग की समीक्षा बैठक में शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया। आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है| उन्होंने कहा कि इन सीटों के उपचुनाव की तारीख उचित समय पर घोषित की जाएगी।
दरअसल बीते दिनों चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि कोरोना काल में उपचुनाव कराना संभव नहीं होगा। जिसके कारण भारतीय चुनाव आयोग ने 7 सितंबर तक लोकसभा और राज्य विधानसभा के उपचुनाव को स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। जिसके फौरन बाद आयोग के प्रधान सचिव सुमित मुखर्जी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि पूर्व के जारी विज्ञप्ति से मीडिया में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। दरअसल आयोग ने एक विशेष परिस्थिति के तहत आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव पर चुनाव स्थगित का फैसला लिया था। वहीं वरिष्ठ प्रधान सचिव सुमित मुखर्जी ने कहा था कि कानून की धारा 151 के तहत उपरोक्त सभी सीटों पर तय समय पर ही उपचुनाव कराने के फैसले लिए गए हैं।
सीट खाली होने पर छह माह में होते हैं चुनाव
नियम यह कहते हैं कि विधानसभा की रिक्त सीटों पर 6 माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए। जिसके बाद आगर मालवा सीट पर 30 जुलाई को उपचुनाव होना था। जबकि कांग्रेस के बागी विधायकों द्वारा बीजेपी में शामिल होने पर रिक्त सीटों पर उपचुनाव सितंबर तक होना तय था। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल 7 सितंबर तक के लिए उपचुनाव को टाल दिया गया है। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होना तय है। वही चुनाव आयोग द्वारा चुनाव टाले जाने के बाद कांग्रेस इस मामले में केंद्र सरकार को घेर रही थी। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से स्पष्टीकरण आने के बाद यह तो तय है की सितंबर के अंत तक प्रदेश में उपचुनाव संभव है।