कांग्रेस में विधायकों के टूटने का सिलसिला कायम है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं द्वारा और भी कांग्रेसी विधायक के पार्टी छोड़ने की भविष्यवाणी ने कांग्रेसी खेमे में हलचल मचा दी है। प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ के लगातार विधायकों के साथ बैठक के बावजूद विधायक के पार्टी से कटने का सिलसिला जारी है। इसी बीच बीजेपी के पूर्व सांसद कृष्ण मुरारी मोघे ने कांग्रेसी कुनबे में शोर मचाते हुए एक नई भविष्यवाणी कर दी है।
दरअसल गुरुवार को पूर्व सांसद और बीजेपी नेता कृष्ण मुरारी मोघे ने मीडिया चैनल से बात करते हुए बड़ा दावा किया। मोघे ने कहा है कि उपचुनाव से पहले और भी कई कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल होंगे। पूर्व सांसद मोघे ने कांग्रेस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी में अब दम नहीं रह गया। पार्टी अपने नेताओं का भरोसा जीतने में अक्षम है। वही मोघे ने कहा कि कांग्रेस नेता अरुण यादव की पकड़ निमाड़ जिले में कमजोर पड़ रही है। इस जिले में जिस तरह का वर्चस्व उनके पिता सुभाष यादव का रहा है वैसा इनका नही रहा। वहीं उन्होंने दावा किया है कि निमाड़ क्षेत्र से कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
दूसरी तरफ बीजेपी की तारीफ करते हुए पूर्व सांसद ने मोघे ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेसी विधायक को अपने पाले में शामिल करने के लिए कोई हरकत नहीं की। कांग्रेसी विधायक को बीजेपी की कार्यशैली पर भरोसा है इस कारण से वह पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में विधायक अपने क्षेत्र के विकास की दिक्कत से जूझ रहे थे। जबकि वह भारतीय जनता पार्टी में अपने क्षेत्र के विकास की वजह से आ रहे हैं। ऐसे नेताओं को बीजेपी उपचुनाव में टिकट जरूर देगी।
बता दे कि जुलाई में होने वाले उपचुनाव को 7 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को लेकर चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है। इसी बीच कांग्रेसी विधायकों के पार्टी से कटने का दौर जारी है। कांग्रेस पार्टी के भीतर अंतर कलह की स्थिति है। नेताओं को केंद्रीय एवं प्रदेश के नेतृत्व क्षमता पर यकीन नहीं है । वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ लगातार कांग्रेस की कार्यकुशलता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सत्ता पक्ष के नेताओं की तरफ से ऐसे बयान आने पर एक तरफ जहां कांग्रेस में हलचल का माहौल निश्चित है। वही कमलनाथ अपने पार्टी के नेताओं को अपने और बनाए रखने की हर संभव कोशिश करेंगे।