कोरोना संक्रमण काल के बीच मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। शिवराज सरकार ने इसको लेकर आदेश जारी किए थे जिसके बाद अब स्कूलों को बंद करने का सिलसिला शुरू होने वाला है। जहां प्रदेश के 12876 स्कूलों को बंद करने की तैयारी शासन द्वारा कर ली गई है। इसके लिए प्रदेश भर के स्कूलों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने इसके लिए एक आदेश जारी किया था।
दरअसल राज्य शिक्षा केंद्र ने कुछ दिन पहले एक आदेश जारी कर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के उन स्कूलों की समीक्षा की जाए जहां विद्यार्थियों की संख्या 0 से 20 तक है। मध्य प्रदेश के इन स्कूलों को इनके नजदीक के स्कूलों के के साथ जोड़ दिया जाएगा और वह स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य शिक्षा केंद्र ने यह भी कहा था कि ऐसे स्कूलों के शिक्षकों की सेवाएं भी कार्यालय या फिर अन्य स्कूलों में ली जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र की सूची में समीक्षा के बाद जो नाम सामने आए हैं उसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के जिलों में सबसे ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद किया जाना निश्चित हुआ है।
राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त का बयान
इसको लेकर राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त लोकेश जाटव ने कहा कि जिन स्कूलों में छात्र ही नहीं, वहां शिक्षकों की जरूरत नहीं है। ऐसे स्कूलों को समीप के किसी स्कूल में मिला दिया जाएगा। जिसकी अभी फिलहाल समीक्षा की जा रही है। जिलों को भी इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसी मामले में जिला शिक्षा केंद्र के एडीपीसी डीके श्रीवास्तव का कहना है कि विभाग के निर्देश मिलने के बाद गुरुवार को समीक्षा की गई। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर राज्य शिक्षा केंद्र को भेजी जा रही है।
इतने स्कूलों को किया जाएगा बंद
समीक्षा प्रक्रिया में हुई तैयारी के मुताबिक इन जिलों में 300 से ज्यादा स्कूलों को बंद किए जाने की संभावना है। यह ऐसे सरकारी स्कूल है जिनमें बच्चों की संख्या 20 या उससे कम है। मंजिलों को चयनित किया गया उसमें सतना में 606, छिंदवाड़ा 518, राजगढ़ 429, भिंड में 358, विदिशा 368, बड़वानी 326, खरगोन 365 और देवास में 300 स्कूल बंद किए जाएंगे। जबकि शून्य छात्रों वाले स्कूलों खरगोन 27, खरगोन 21, उज्जैन19, देवास 18, भिंड 16, श्योपुर 10, शिवपुरी 16, इंदौर-10 जिलों में भी बंद किया जायेगा।
बता दे कि स्कूल शिक्षा विभाग के नियमानुसार मिडिल स्कूल संचालित करने के लिए 20 से ज्यादा छात्र होने आवश्यक है। जबकि प्राइमरी स्कूलों में 40 छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य है। ऐसी स्थिति न होने के कारण इन जिलों में सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने पर सरकार की तैयारी चल रही है।