भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसानों (farmers) के हित को देखते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार (shivraj government) एक बार फिर से बड़ा फैसला लेने जा रही है। जहां खाद (fertilizer) की किल्लत को खत्म करने के लिए नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। माना जा रहा है कि जल्दी खरीफ (kharif) और रबी (rabi) सीजन में होने वाली खाद की किल्लत को दूर कर दिया जाएगा।
दरअसल नई व्यवस्था के तहत अब सहकारी समिति को मांग के आधार पर आपूर्ति की बिक्री का लेखा-जोखा रखना होगा। इसके अलावा बिक्री के हिसाब से ही खाद का आवंटन किया जाएगा। इतना ही नहीं समितियों को किसानों के मांग को देखते हुए 2 टन खाद रखना अनिवार्य होगा। वही खाद की समस्या को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। साथ ही किसानों के लिए खाद वितरण को भी ऑनलाइन रजिस्टर किया जाएगा।
खाद की कमी होने पर सहकारी विपणन संघ द्वारा स्टॉक और उसकी कमी की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी और साथ ही मार्कफेड द्वारा तत्काल आपूर्ति करवाई जाएगी। बता दें कि प्रदेश में सिर्फ खाद नहीं बल्कि यूरिया वितरण में भी व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके लिए 2020 में सहकारी क्षेत्र द्वारा 70% सहकारी क्षेत्र और 30% निजी क्षेत्र में यूरिया वितरण का निर्णय लिया गया था। वही खाद की बात करें तो निजी और सरकारी क्षेत्र को 50% की हिस्सेदारी दी जाएगी।
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इस मामले में सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव का कहना है कि इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है और साथ ही समिति और किसानों को एक दूसरे से जोड़ा जा रहा है। राज्य स्तर पर यह कार्य किया जाएगा। जिससे यह पता चलेगा कि किस समिति के पास किस कंपनी की कितनी खाद उपलब्ध है। इन सब की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
सूत्रों की माने तो इस नियम के पीछे का कारण है कि कई बार भारी मात्रा में खाद कंपनियों द्वारा स्टॉक कर लिया जाता है और भंडार की स्थिति का स्पष्ट आकलन करते हुए अतिरिक्त खाद देने से इंकार कर दिया जाता है। जिसके बाद अब सरकार द्वारा इसको ऑनलाइन किया जा रहा है और साथ ही साथ खाद की बिक्री का लेखा जोखा ऑनलाइन माध्यम से रखा जाएगा और किस किसान को कितनी खाद उपलब्ध कराई गई है। इन सब की जानकारी पोर्टल पर साफ नजर आएगी।