देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में भी कोरोना(corona) की स्थिति काफी भयावह परिणाम दे रही है। लगातार लग रहे लॉकडाउन(lockdown) की वजह से हर क्षेत्र के कर्मचारियों को आर्थिक तंगी(Financial constraints to employees) का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच शिवराज सरकार(Shivraj government) द्वारा शासकीय सेवकों के एरियर्स(arrears), महंगाई भत्ता(dearness allowance) और वेतन वृद्धि(Salary increment) पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है। सरकार के इस निर्णय से शासकीय सेवकों में असंतोष का भाव है। जिसको देखते हुए प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ(Provincial Government College Professors Association) के प्रांत अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में प्रांत अध्यक्ष प्रोफेसर कैलाश त्यागी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि वह की गई आर्थिक कटौती पर पुनर्विचार करें और शासकीय सेवकों के वेतन वृद्धि का भुगतान किए जाने का आदेश जारी करें।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण में उत्पन्न हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए शासकीय सेवकों के एरियस महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी थी। जिसके बाद प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांत अध्यक्ष प्रोफेसर कैलाश त्यागी ने मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखते हुए कहा है कि इस तरह हुई आर्थिक कटौती से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को एक से 2 लाख, तृतीय श्रेणी कर्मचारी को दो से 4 लाख, द्वितीय श्रेणी कर्मचारी को 4 से 6 लाख और प्रथम श्रेणी शासकीय सेवकों को छह से 8 लाख तक का आर्थिक नुकसान जनवरी 2020 माह से जुलाई 2021 तक होने का अनुमान है। इसी के साथ प्रांत अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने यह भी कहा कि यदि इसमें जीपीएस ब्याज में कटौती और स्वैच्छिक अनुदान को शामिल किया जाए तो यह आर्थिक हानि कई गुना बढ़ जाएगी। वही कर्मचारियों में इस आदेश से असंतोष का माहौल है और उन्हें आशंका है कि अभी राशि उन्हें कभी प्राप्त नहीं हो सकेगी। प्रांत अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने कहा कि कोरोना योद्धा के रूप में शासकीय सेवकों ने कर्तव्य का मुस्तैदी से निर्वहन किया है। और इस कोरोना काल के बीच एकमात्र वेतन ही उनकी आय का जरिया है। इस वक्त अगर उनके वेतन में कटौती होती है तो उनके मनोबल पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। इसके साथ ही प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने आर्थिक कटौती पर सरकार से पुनर्विचार करने और कर्मचारियों के वेतन वृत्ति का भुगतान किए जाने का आदेश जारी करने की अपील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है।
बता दे कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से हुई आर्थिक हानि को देखते हुए शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि में आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई थी। इससे पहले पूर्व की कमलनाथ सरकार(Kamal Nath Government) ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए 5 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने का फैसला किया था। 16 मार्च 2020 को ही ये आदेश दिया गया था। आदेश के बाद सातवें वेतन आयोग का लाभ पाने वाले कर्मचारियों को 17 फीसदी और छठे वेतन आयोग का लाभ ले रहे कर्मचारियों को 16 फीसदी महंगाई भत्ता मिलना था।