भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग में जिला निर्वाचन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। एक तरफ जहां पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट (high court) ने अपने मत स्पष्ट कर दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने अब सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का दरवाजा खटखटाया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP Highcourt) में 9 दिसंबर को चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद कांग्रेस ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। जिस पर 11 दिसंबर को सुनवाई होगी।
सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का लक्ष्य निर्धारित कर दिया था जिसके अधिसूचना जारी कर दी गई थी। हालांकि बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए अधिसूचना को निरस्त किया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने 1 नवंबर 2021 को पंचायत चुनाव 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की थी। जिसके बाद से ही कांग्रेस विरोध में आ गई है।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस के पंचायत राज प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने कहा कि हमारी ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। शनिवार को सुनवाई होगी प्रदेश में संविधान और नियम के विरुद्ध पंचायत चुनाव करवाए जा रहे हैं। जो कि गलत है।
बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने कहा कि पहले और द्वितीय चरण के लिए सूचना 13 दिसंबर को जबकि तृतीय चरण के लिए 30 दिसंबर को जारी की जाएगी। इसके साथ ही आरक्षण और मतदान केंद्रों की सूची भी प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावा विकासखंड और जिला मुख्यालय की तरह ही कलस्टर स्तर पर भी सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी।
इधर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को अधिकार दिया कि अपने स्तर पर निर्णय लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बदलाव किया जाए। पंच सरपंच के मतपत्रों की गणना जहां मतदान केंद्र पर की जाएगी। वहीं 3 साल से एक ही जगह पर जमे अफसरों को नवीन पदस्थापना दी जाएगी।
इसके अलावा पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में Corona गाइडलाइन को भी ध्यान में रखना अनिवार्य कहा गया है। शुक्रवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पंचायत चुनाव को लेकर कलेक्टर और एसपी को भी राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं। वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी किसी भी समस्या के लोगों से सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसकी आवश्यकता होने पर जल्द प्रस्ताव भेजे। साथ ही 3 साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर स्तर पर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा पर रोक लगाई जाए। साथ ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर कार्यपालिक दंडाधिकारी सुरक्षा की व्यवस्था पुख्ता करें।
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने कहा कि आचार संहिता लागू हो चुकी है। शस्त्र लाइसेंस निलंबन, संपत्ति विरूपण सहित प्रतिबंधात्मक कार्यवाही गंभीरता से की जाए। इसके अलावा ही रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नाम वापसी के बाद द्वितीय रेंडमाइजेशन किया जाएगा। साथ ही मतदान दलों में लगने वाली कर्मचारियों को विकास स्तर पर मास्टर ट्रेनिंग द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण में मतदान दल के कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। साथ ही साथ राज्य निर्वाचन आयोग के दुर्ग विजय सिंह उपसचिव अधिकारी द्वारा मतदाताओं को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।