भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में कोरोना (MP corona) संक्रमण हर दिन नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। लगातार बड़ी संख्या में मरीजों की पुष्टि हो रही है। जहां पिछले दिन 2777 मरीजों रिकॉर्ड किए गए थे। वही आज यह आंकड़ा बढ़कर 2839 पहुंच गया है। बता दे कि मप्र में 1 साल में कोरोना का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।
दरअसल मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 2839 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके बाद प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 20,369 पहुंच गई है। वही 15 लोगों की मौत भी हो गई है। इंदौर में 4 मौत रिकॉर्ड की गई है। पिछले 10 दिनों में कोरोना से 101 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार 10% से कम नहीं हो रही है। वही भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में संक्रमण की दर 20% से ज्यादा पहुंच गई है।
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वहीं प्रदेश के अन्य जिलों की बात कर रहे तो मध्य प्रदेश के 52 में से कुल 31 ऐसे जिले हैं। जहां 20 से ज्यादा केस है। जिसमें अनूपपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, बैतूल, देवास, धार, बालाघाट, होशंगाबाद, गुना, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, नरसिंहपुर, नीमच, रायसेन, शिवपुरी, उज्जैन, विदिशा आदि शामिल है।
कोरोना संक्रमण के रफ्तार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये आंकड़ा 3000 के पार पहुंच जाएगा। स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समीक्षा बैठक कर रहे हैं। वही आपातकाल बैठक बुला ली गई है। जहां शाम तक बड़ा फैसला लिया जा सकता है। वही सीएम शिवराज ने अपने कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है।
राजधानी भोपाल में कंटेनमैंट जोन बनाने का काम शुरू, निर्देश जारी
इधर राजधानी भोपाल में लगातार बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। 2 दिन से लगातार 500 से ऊपर केसों की पुष्टि हो रही है। जिसके बाद अब लॉक डाउन के साथ ही कंटेनमैंट जोन बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। वहीं 6 दिनों में कंटेनमेंट जोन 20 से बढ़ाकर 51 कर दिए गए हैं।
वही कंटेनमेंट जोन के लिए निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक कंटेनमेंट जोन में आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही प्रशासन के संपर्क में रहना अनिवार्य किया गया है। कंटेनमेंट एरिया के अंदर सीएमएचओ के मेडिकल मोबाइल यूनिट का गठन किया जाएगा। जिसके दिशानिर्देश प्रतिबंधित एरिया के लोगों को निर्देशित रहेंगे। आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त लोगों को बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध बना रहेगा। इसके अलावा आरोग्य सेतु एप एवं सार्थक ऐप का उपयोग करना अनिवार्य बताया गया है। नगर निगम को सेनीटाइजेशन साथ ही उस क्षेत्र में तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी।