भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में राज्य सेवा आयोग परीक्षा 2019 मामले की सुनवाई लंबे समय से चल रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद MPPSC सरकारी भर्तियों में बड़ी गलतियां कर रही है। जिस पर अब हाईकोर्ट ने सरकार (sivraj government) सहित राज्य सेवा आयोग को चेतावनी दी है।
दरअसल MPPSC 2019 के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में लंबे समय से सुनवाई जारी है। जहां सरकारी भर्तियों में बड़ी गलतियां सामने आई थी। इस विषय कोर्ट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट (supreme court) नहीं है। पहले ही साफ किया है कि अनारक्षित पदों (unreserved category) पर सिर्फ प्रदेश के ही उम्मीदवारों की भर्ती की जाएगी लेकिन बावजूद इसके राज्य सेवा आयोग द्वारा बड़ी गलतियां की जा रही है।
सरकारी भर्तियों में भी बड़ी गलतियां उजागर करते हुए हाईकोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई के लिए 15 मार्च 2021 की तारीख की बात कही है। हाईकोर्ट ने कहा कि 15 मार्च को MPPSC 2019 परीक्षा से जुड़ी सभी सुनवाई एक साथ की जाएगी।
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बता दें कि इससे पहले MPPSC 2019 की परीक्षा और भर्तियों में भारी गड़बड़ी होने के कारण यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। इसमें कहा गया था यह 2019 की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित वर्ग में जगह नहीं दी गई थी जो कि पीएससी परीक्षा (PSC Exam) के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवमानना करता है
इतना नहीं याचिका में इसके साथ ही आरक्षण को भी चुनौती दी गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने परीक्षा प्रक्रिया और नतीजे को अपने निर्णय के अधीन रखते हुए फैसला सुनाया था। अब इस मामले में फिर से एक बार सुनवाई 15 मार्च को की जाएगी।