महाराष्ट्र में सियासी घमासान, महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने नहीं ली शपथ, आदित्य ठाकरे बोले- EVM, ECI के नतीजे स्वीकार नहीं

वे सच्चाई को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल करते हैं। हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ेंगे।

Atul Saxena
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MVA MLA did not take oath in Maharashtra Assembly: महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हुआ, प्रोटेम स्पीकर प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने नए विधायकों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। लेकिन महा विकास अघाड़ी के विधायकों ने शपथ लेने से इंकार कर दिया और बहिष्कार कर दिया, उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे ने कहा हमें ईवीएम और इलेक्शन कमीशन के नतीजे स्वीकार नहीं है, हम जनता के आदर में आज शपथ नहीं ले रहे।

शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हमारे जीते हुए विधायक शपथ नहीं लेंगे। विधानसभा में हम लोगों ने इसका बायकॉट किया है। उन्होंने बाहर आकर मीडिया को इसकी जानकारी दी, आदित्य जब मीडिया से बात कर रहे थे तब एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र अवाड और कांग्रेस नेता नाना पटोले भी मौजूद थे।

लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ हमारा विरोध है : आदित्य 

आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया X पर लिखा एमवीए के निर्वाचित उम्मीदवारों ने आज विधानसभा में शपथ नहीं ली, यह भारत के चुनाव आयोग और सरकार के हाथों लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ हमारा विरोध है। मार्कडवाडी ने मतदान पैटर्न के बारे में खुद को आश्वस्त करने के लिए पेपर बैलेट के माध्यम से मॉक पोल की योजना बनाई थी। प्रशासन ने लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों के खिलाफ कर्फ्यू लगा दिया।

सरकार लोकतंत्र के उचित तरीकों से डरती है

हालाँकि, आधिकारिक तौर पर सरकार गठन के मामले में बहुत कुछ नहीं बदला होगा, लेकिन सच्चाई सामने आ गई होगी। फिर भी, हमारे लोकतांत्रिक देश में मरकडवाडी के नागरिक घेरे में थे। कल रात, जाहिर तौर पर नागरिकों को इसके लिए गिरफ्तार किया गया है। यह लोकतंत्र का मज़ाक है, और यह स्पष्ट है कि सरकार लोकतंत्र के उचित तरीकों से डरती है।

यह जनादेश चुनाव आयोग और ईवीएम का है, महाराष्ट्र का नहीं

वे सच्चाई को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल करते हैं। हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ेंगे। हम सच जानना चाहते हैं, हम निर्वाचित लोग हैं और फिर भी ईवीएम के बारे में लोगों के संदेह को आवाज उठाएंगे। यह जनादेश चुनाव आयोग और ईवीएम का है, महाराष्ट्र का नहीं, पूरे महाराष्ट्र में मतपत्र पर मॉक पोल होने दें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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