मांधाता उपचुनाव : नंदकुमार सिंह चौहान पर फूटा आदिवासी महिलाओं का गुस्सा, VIDEO VIRAL

Pooja Khodani
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खंडवा, सुशील विधानी। मध्यप्रदेश (Madhy Pradesh) के 19 जिलों के 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में दोपहर 3:30 बजे तक 56.72 प्रतिशत मतदान हो गया है। एक तरफ जहां अभी भी एक घंटा बाकी है और वोटरों का मतदान केन्द्र पर पहुंचने का सिलसिला जारी है।एक तरफ जहां फायरिंग, विवाद और बहिष्कार की खबरें सामने आ रही है वही दूसरी तरफ नेताओं का भी जमकर विरोध देखने को मिल रहा है।

अब खंडवा जिले (Khandwa district की मांधाता सीट (Mandhata Assembly Seat) पर भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान  (BJP MP Nandkumar Singh Chauhan) आदिवासी महिलाओं के गुस्से का शिकार हो गए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल (Viral) हो रहा है।

दरअसल, मामला मांधाता के सिंधखेड़ा गांव का है। यहां आज दोपहर में  भाजपा नेताओं को आदिवासी महिलाओं ने घेर लिया और जमकर खरी-खोटी सुनाई और सांसद से बात करवाने को कहा। जब भाजपा नेता ने सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ( Nandkumar Singh Chauhan) को फोन (Phone) लगाया तो महिलाओं का गुस्सा चौहान पर जमकर फूटा। महिलाओं ने जमकर चौहान को खरी-खोटी सुनाई तो चौहान ने 6 महिने के अंदर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया जिसके बाद महिलाओं ने 3 महिने के अंदर पानी की समस्या को दूर करने मांग की , जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

ग्रामीणों का कहना था कि इस गांव के 170 मतदाता (Voters) अपने मतों का उपयोग नहीं करेंगे l विकास प्रमुख मुद्दा है, जिससे गांव वर्षों से अछूता है l गांव में एक पुलिया की मांग वर्षो से की जा रही है, लेकिन कोई भी दल का नेता इस तरफ ध्यान नहीं देता l इसी के चलते सिंधखाल के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार (Boycott of election) कर दिया, जब भाजपा नेता उन्हें मनाने पहुंचे तो आदिवासी महिलाओं का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। इस दौरान BJP नेता लगातार महिलाओं को मानने में जुटे है और विकास का भरोस दिला रहे है। इसी एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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