भोपाल।
कोरोना महामारी(corona pandemic) और लॉकडाउन(lockdown) के बीच कांग्रेस(congress) लगातार नर्मदा उत्खनन(narmada mining) मामले पर बीजेपी(bjp) को घेर रही है। इसी बीच अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव(arun yadav) ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री(former cabinet minister) ने वीडियो(video) जारी करते हुए कहा है कि शिवराज सरकार के संरक्षण में एक बार फिर नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन हुरु हो गया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने ये भी कहा कि शिवराज सरकार के दौरान ही नर्मदा नदी को जीवित नदी माना गया है। बावजूद इसके अवैध खनन पर कोई कार्यवाही न होना वाकई सोचने वाली बात है।
दरअसल शुक्रवार को वीडियो जारी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से सटे रायसेन जिले के बाड़ी स्थित रेत खदान में मुख्यमंत्री के दो भाइयों और उनके एक सेवानिवृत रिश्तेदार पुलिस अधिकारी खुलेआम रेत का अवैध(illegal) कारोबार करवा रहे हैं। बिना रॉयल्टी(royalty) चुकाए रोज करीब 500 डंपर अवैध खनन किया जा रहा है। लॉकडाउन होने के बावजूद भी इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं। आखिर ये कैसे और किसके इशारे पर हो रहा है। यादव ने कहा है कि प्रदेश में नई रेत उत्खनन नीति के बाद राज्य में खदानों के समूह बनाकर नीलामी की गई थी। जिसमें इस खदान भी नीलामी की गयी थी। जिसमे रायसेन जिले की नर्मदा नदी की रेत खदानों का ठेका राजेन्द्र रघुवंशी फर्म को मिला है। वािण उन्होंने शिवराज सरकार से सवाल किया है कि बावजूद इसके लॉक डाउन में अवैध रेत खनन किसके संरक्षण में किया जा रहा है। वहीँ उन्होंने कृषि मंत्री कमल पटेल के निर्देशों का जिक्र करते कहा है कि क्या शिवराज सरकार में अब मंत्रियों के भी निर्देश कि धज्जी उड़ाई जा रही है।
बता दें कि बीते दिनों नर्मदा अवैध रेत खनन को लेकर ही कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने नर्मदापुरम और जबलपुर संभागों के 11 जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि नर्मदा से जेसीबी जैसी किसी भी प्रकार की मशीन से उत्खनन किया जाना पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और अन्य न्यायालयों ने भी सभी नदियों में मशीनों से उत्खनन करने पर रोक संबंधी आदेश दिए हैं। जिसके बाद भी अवैध उत्खनन जारी है। पटेल ने ये भी कहा था कि मशीनों से किए जा रहे उत्खनन को रोकने के लिए उत्खनन स्थलों पर सघन निगरानी रखी जाए। जिन रास्तों से होकर रेत का परिवहन किया जाता है। उन पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर भी रखी जाए। और जो लोग अवैध तरीके से मशीनों के माध्यम से नर्मदा नदी में रेत उत्खनन कर रहे हैं, उन पर नदी की हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया जाए।