कुंभ: दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर भड़के नरोत्तम मिश्रा, कही ये बड़ी बात

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हरिद्वार में इस समय कुंभ (Kumbh) चल रहा है जिसमें लाखों श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं लेकिन नेताओं को इसमें भी राजनीति दिखाई दे रही है। वे कुंभ (Kumbh) स्नान से इतर राजनीति के सागर में डुबकी लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कुंभ (Kumbh) और कोरोना (Corona) को लेकर एक ट्वीट किया है जिसपर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने पलटवार किया है।

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने हरिद्वार में चल रहे कुंभ (Kumbh) को लेकर सोमवार को ट्वीट किया ” कोविड -19 के बढ़ते प्रकोप के कारण T 20 क्रिकेट मैच देखने पर तो स्टेडियम में आने पर हजारों श्रोताओं पर रोक, लेकिन कुंभ में लाखों श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में छूट। धन्यवाद।

दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) ने भी ट्वीट किया उन्होंने दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) से कहा “राजासाहब लगता है हिन्दू धर्म की आस्था के खिलाफ बयानबाजी करना आपका शगल बन गया है। ऐसे विषयों पर आप टिप्पणी करने से पहले कुछ सोचने की जेहमत भी नहीं उठाते। जरा सोचिये क्रिकेट मैच तो टीवी पर देखा जा सकता है लेकिन कुंभ स्नान तो गंगा जी में डुबकी लगाकर ही होगा।

गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Dr Narottam Mishra) की टिप्पणी के बाद भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं वरिष्ठ नेता सुरेंद्र शर्मा (Surendra Sharma) ने भी दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को करारा जवाब दिया है। सुरेंद्र शर्मा ने कड़े शब्दों में ट्वीट किया “हिन्दू द्रोही दिग्विजय सिंह ने कुंभ मेले की तुलना क्रिकेट मैच से करते हुये कुंभ में श्रद्धालुओं के आने पर सवाल उठाये हैं, राजा आस्था और मौज में अंतर होता है लेकिन आप जानबूझकर वही काम करते हो जिससे वर्ग विशेष ख़ुश हो। देश का हिन्दू समाज इसका जवाब आपको और कांग्रेस को अवश्य देगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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