इंदौर, आकाश धोलपुरे
मध्यप्रदेश के आधुनिक शहर और मंत्री उषा ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में आज भरी बारिश के बाद कई घण्टो स घर रखा शव आखिरकार तिरपाल से ढंककर जलाया गया। बताया जा रहा है कि पूरा मामला इंदौर की महू तहसील के मालवीय नगर इलाके बजरंग नगर की है। जहां करीब 90 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो जाने के बाद उसके शव को मुखाग्नि नही दी जा सकी और वजह ये है आजादी के 74 वें वर्ष में प्रवेश करने के बावजूद इस गांव में अब तक शमशान की व्यवस्था नही है जिसके चलते यहां खुले में नदी के करीब शव को जलाया जाता रहा है।
लेकिन ताजा मामला देश के सुप्रसिद्ध भजन गायक भेरूलाल चौहान के भाई की मौत का था और अपने भाई की मौत के दौरान हो रही बारिश के चलते वो अपने भाई के शव को विधि विधान से दाह संस्कार नही कर पाए। ऐसे में भरी बारिश में टायर व घासलेट के सहारे शव को जलाया गया। शव जिस वक्त जल रहा था उस वक्त उसके सिर पर कोई छत नही थी लिहाजा बारिश से बचाने के लिये तिरपाल की व्यवस्था की गई और जैसे तैसे लोगो ने कोरोना संकट के बीच शव का दाह संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक शमशान के निर्माण के लिए इंदौर के पूर्व कलेक्टर ने 3 लाख रुपए आवंटित भी कर दिए थे तब तत्कालीन एसडीएम द्वारा 15 दिन में शमशान के निर्माण का आश्वासन भी दिया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी 100 से अधिक परिवारो के बजरंगपुरा गांव में शमशान का निर्माण नही हो सका। बताया जा रहा है की बुजुर्ग के शव को डेढ़ दिन से भी ज्यादा वक्त तक घर पर रखने की सूचना मिलने के बाद आख़िल भारतीय बलाई समाज के कार्यकर्ताओं को खबर मिली तब कही जाकर जैसे तैसे बारिश के बीच बुजुर्ग नानूराम का दाह संस्कार किया गया। समाज के अध्यक्ष मनोज परमार का आरोप है कि गांव दलित समाज का है इसलिए गांव में शमशान का निर्माण नही हो सका है उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के 74 साल के बाद भी आज ये स्थिति में ऐसे में ये साफ है कि आज भी दलितो को मरते वक्त भी छत से मरहूम रहना पड़ रहा है।
हालांकि इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन अधिकारियों में खलबली मची ह क्योंकि कोरोना संकट के बीच तिरपाल से ढंककर शव दाह करने का वीडियो प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। फिलहाल, जिम्मेदार आगे क्या एक्शन इस वायरल वीडियो के बाद लेते है ये तो वक्त ही बताएगा।