ग्वालियर, अतुल सक्सेना । विधानसभा उप चुनाव (By-election) हारने वाली शिवराज सरकार (Shivraj Government) में महिला एवं बाल विकास मंत्री रही इमरती देवी(Imrati Devi) का इस्तीफा भले ही मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया हो लेकिन सरकार के मुलाजिम ये मान चुके हैं और इसी आधार पर PWD के कार्यपालन यंत्री ने इमरती देवी को बंगला खाली करने का नोटिस (Notice) थमा दिया। नोटिस थमाने के बाद कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा (Executive Engineer Omhari Sharma) को शासन ने ग्वालियर (Gwalior) से हटाकर भोपाल (Bhopal) भेज दिया है।
ग्वालियर में पदस्थ लोक निर्माण विभाग यानि PWD संभाग क्रमांक 1 के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा ने इमरती देवी को उनका सरकारी आवास (बंगला) खाली करने का नोटिस दिया। गौरतलब है कि इमरती देवी को कमलनाथ सरकार में मंत्री बनने के बाद झांसी रोड का बंगला क्रं. 44 A आवंटित किया गया था। यह बंगला पहले शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया को मिला था । उनके चुनाव हारने के बाद इमरती देवी को ग्वालियर में यह बंगला पसंद आ गया था। अब चूंकि इमरती देवी चुनाव हार चुकी है तो PWD के प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा ने उनको तत्काल आवास रिक्त कर विभाग के आधिपत्य में देने को कहा हैं। पत्र में इमरती देवी को तत्कालीन मंत्री लिखकर संबोधित किया गया और लिखा गया आपको शासकीय बंगला 44 A आपके मंत्री पद के कार्यकाल की अवधि तक के लिए आवंटित किया गया था, वर्तमान में आपके पास कोई पद ना होने के कारण आवास को रिक्त कर लोक निर्माण विभाग को आधिपत्य सौंपने का सादर अनुरोध है।
बताया जा रहा है कि PWD के कार्यपालन यंत्री के इस पत्र के बाद से इमरती देवी नाराज हैं और उन्होंने संगठन में यह बात उठाने की बात भी कही है। इमरती देवी की नाराजगी की खबर भोपाल तक पहुंची जिसके बाद शासन ने रविवार के दिन ही ओमहरि शर्मा का ट्रांसफर कर दिया । PWD के उप सचिव प्रबल सिपाहा के नाम से जारी तबादला आदेश में प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण संभाग एक ग्वालियर को तत्काल प्रभाव से अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल पदस्थ कर दिया है वहीं कार्यपालन यंत्री, कार्यालय मुख्य अभियंता उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर को तत्काल प्रभाव से अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण संभाग एक ग्वालियर पदस्थ किया है।
इस आदेश के बाद ये चर्चा जोरों पर है कि आखिर किसके कहने पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री ने इमरती देवी को तत्कालीन मंत्री लिखा और उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भेजा। बहरहाल कार्यपालन यंत्री के भोपाल ट्रांसफर के बाद इमरती देवी की ताकत और प्रभाव की चर्चा भी शुरू हो गई है।