अब चुनाव आयोग के पाले में गेंद, टल सकते हैं मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव

पंचायत चुनावों

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश पंचायत चुनावों (MP Panchayat Election 2021) की तारीखों के ऐलान के बाद बड़ा ट्विस्ट आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब पंचायत चुनाव पर तलवार लटक गई है और गेंद चुनाव आयोग के पाले में चली गई है। आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि यदि चुनाव संविधान के अनुसार वह तो कराएं नहीं तो टाल दें, ऐसे में अब आयोग की बाध्यता है कि वह संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार इन चुनावों को कराएं।वहीं निर्देश को न मानने पर पंचायत चुनाव रद्द भी किए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सियासी हलचल भी तेज हो गई है।

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दरअसल, मध्य प्रदेश में पंचायती राज चुनाव 202021 मे संवैधानिक प्रावधानों का पालन न करने और 2014 की रोटेशन पद्धति के आधार पर कराने को लेकर चुनौती दी गई थी। इन याचिकाओ में साफ तौर पर कहा गया था कि राज्य सरकार मनमाने तरीके से संवैधानिक प्रावधानों को अपने तरीके से इस्तेमाल कर रही है और यह पंचायती राज्य के प्रावधानों के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अब आयोग को यह निर्देश दिए हैं कि वह इन चुनावों को जारी रखने या टालने पर खुद ही विचार करें। लेकिन इस बात को याद रखें कि यह संवैधानिक प्रावधानों के तहत हो।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)