कभी “महल” से होते थे कांग्रेस के फैसले, अब इस नेता का बंगला बना रणनीति का केंद्र

ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
ग्वालियर चंबल संभाग को ज्योतिरदित्य सिंधिया का गढ़ कहा जाता है। इस क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं को सिंधिया समर्थक कहलवाने में गर्व महसूस होता रहा है। महाराज की जय , श्रीमंत सिंधिया जिंदाबाद के नारे कांग्रेस ने शहर के बाजारों से लेकर महल तक लगाए । क्योंकि ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस नेताओं का भविष्य “महल” ही तय करता था। लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेसियों का रास्ता ही बदल गया है । “महल” तरफ जाने वाले कांग्रेसी अब अनुपम नगर की तरफ मुड़ गए हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री गोविंद सिंह को अपना नेता मान लिया है। सीधे शब्दों में कहें तो ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस की बागडोर अब गोविंद सिंह के हाथों में आ गई है।

ग्वालियर चंबल संभाग में सिंधिया परिवार का दबदबा रहा है इसलिए कांग्रेस में एक खेमा सिंधिया समर्थकों का था। अंचल में भिंड जिले से आने वाले डॉ गोविंद सिंह ही अकेले दिग्विजय समर्थक ऐसे नेता हैं जो अपने विधानसभा क्षेत्र से लहार से लगातार सात बार से चुनाव जीत रहे हैं। उनपर कभी सिंधिया का प्रभाव नहीं पड़ा, वहीं ग्वालियर की बात करें तो प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अपैक्स बैंक के पूर्व चेयर मैन अशोक सिंह का परिवार दिग्विजय समर्थकों में गिना जाता है इसके अलावा पूर्व पार्षद ब्रज मोहन परिहार वासुदेव शर्मा जैसे गिने चुने नेता दिग्विजय गुट के नेता हैं। लेकिन अब जब कांग्रेस का एक धड़ा जिसे सिंधिया गुट कहा जाता था कांग्रेस से अलग हो गया है तो अब ग्वालियर चंबल अंचल की बागडोर वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह के हाथ में आ गई है और इसीलिए ग्वालियर के अनुपम नगर में स्थित उनका बंगला कांग्रेस की रणनीति का केंद्र बन गया है। यहाँ दिग्विजय गुट से जुड़े नेता तो पहुँच ही रहे हैं वहीं वे नेता भी पहुँच रहे हैं जो कभी सिंधिया गुट में थे लेकिन सिंधिया के साथ नहीं गए और खुद को कांग्रेस की विचारधारा का बताकर कांग्रेस में ही रहे।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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