भोपाल।
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मजदूरों के हादसे के लगातार बढ़ रहे मामले से सरकार परेशान हैं। आये दिन मजदूरों के साथ हो रही घटना थमने का नाम नहीं ले रही। इसी बीच महाराष्ट्र से होकर मध्य प्रदेश से गुजरने वाले मजदूरों के लिए एक अच्छी खबर है। शिवराज सरकार ने पैदल सफर कर रहे मजदूरों के लिए बसें चलाने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि ये बस सेवा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की सीमाओं तक चलाया जाएगा. राज्य सरकार ने फ़िलहाल 375 बसें चलाने का फैसला किया है। हलाकि इन बसों का इंतजाम इलाके के कलेक्टरों को करना होगा। जो कि मध्यप्रदेश की सीमा से लगे सेंधवा से शुरू होकर यूपी के मुरैना तक दौड़ेंगी। इसके अलावा मुरैना से झांसी और देवास से छतरपुर के लिए भी बसें चलाई जाएंगी।
जिला कलेक्टर को निर्देश
केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने शुरुआती तौर पर 375 बसें चलाए जाने को मंजूरी दी है। इसमें सबसे ज्यादा बसें सेंधवा से देवास के लिए चलेंगी। इसके बाद देवास से गुना, सागर होते हुए दिनारा के लिए बस चलेंगी। इसके अलावा मुरैना, दतिया, ग्वालियर, झांसी, देवास से होते हुए दौलतपुर से सागर तक भी बसें चलाई जाएँगी। इसी प्रकार सागर से होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा महोबा तक बस चलाई जाएगी। राज्य सरकार ने बसों के रूट तय कर दिए हैं। जिसकी व्यवस्था जिला कलेक्टरों को करनी है।
71 ट्रेनों का प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले अन्य प्रदेशों से मजदूरों की वापसी के लिए शिवराज सरकार ने श्रमिक ट्रेनें चलाए जाने का भी एलान किया था। जिसके बाद 56 ट्रेनों की मांग को लेकर सरकार ने एक प्रस्ताव रेल मंत्रालय के पास भेजा था। राज्य सरकार ने पहले भेजे गए 56 ट्रेनों के प्रस्ताव में 15 ट्रेनों के जोड़ने की मांग की है। इस तरीके से सरकार ने कुल 71 ट्रेनों के चलाए जाने की मांग की है।
वहीँ दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि प्रदेश में अधिक से अधिक संख्या में मजदूरों की वापसी शुरू हो चुकी है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि अब तक दूसरे राज्यों में फंसे 2 लाख 15 हजार मजदूरों की प्रदेश में वापसी हो चुकी है। जहाँ 1 लाख 5 हजार मजदूर गुजरात से, 40 हजार मजदूर महाराष्ट से और 45 हजार राजस्थान से वापस लाए गए हैं। इसके अलावा गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से भी मजदूरों की वापसी हुई है।