एमपी उपचुनाव(MP by-election) को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार(Government of Madhya Pradesh) भी अब छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार(Congress government of Chhattisgarh) की राह पर चलने की तैयारी कर रही है। खबर है कि छग की तर्ज पर प्रदेश की शिवराज सरकार(Shivraj government) गौ पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने के लिए ‘गोधन न्याय योजना’ शुरू करने पर विचार कर रही है। पशुपालन मंत्री(Animal husbandry minister) ने इस योजना को प्रदेश में लागू करने के संकेत दिए हैं।
दरअसल, मीडिया(media) से चर्चा के दौरान पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल(Prem Singh Patel) ने बताया कि प्रदेश की शिवराज सरकार भी ‘गोधन न्याय योजना’ को लागू करने पर विचार कर रही है। इस योजना का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद अगर योजना अच्छी तरह चली तो इसे प्रदेश में भी लागू करने पर विचार करेंगे।
बता दे कि ‘गोधन न्याय योजना‘ के तहत गौ पालक किसानों से सरकार गोबर खरीदती है। जिसकी खरीदी के बाद उससे कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इसके साथ ही गोबर से जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है। वहीँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालकों को आर्थिक लाभ और खुली चराई पर रोक लगेगी।
गौरतलब है कि देश में सबसे पहले गोधन न्याय योजना का शुभारम्भ छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किया था। महापर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Chief Minister Bhupesh Baghel) ने इस योजना की शुरुआत की थी। इसके साथ ही बघेल सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर की खरीदारी करती है। इससे सरकार की आय तो होती ही है, साथ ही कईयों को रोजगार भी मिल रहा है।