नीमच, कमलेश सारड़ा। शनिवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की टीम ने राजस्थान के कोटा इलाके में गाजीपुर व नीमच अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक शशांक यादव को कार से 16 लाख 32 हजार रुपयों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद मालवा मेवाड़ अफीम उत्पादन क्षेत्र सहित कई इलाकों में हड़कंप मच गया। पूरे मामले में अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक आईआरएस शशांक यादव को 4 दिन की रिमांड पर लिया गया है। मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो टीम साक्ष्य जुटाने नीमच पहुंची है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि इस मामले में कई और बड़े खुलासे हो सकते है।
यह भी पढ़ें… Jabalpur : रेल प्रशासन ने कार्रवाई कर तीन कर्मचारियों को किया निलंबित, यह है कारण
बताया जा रहा है इस पूरे मामले में अफीम फैक्ट्री के अधिकारी कर्मचारी से लगाकर अफीम उत्पादक क्षेत्र के दलाल जिन्हें मुखिया कहा जाता है वह भी नप सकते हैं। खास करके भादवामाता क्षेत्र के वो दलाल जो वर्षों से अफीम फैक्ट्री के अधिकारियों से मिलकर किसानों की बात करवाने का ठेका लेते आये है। बताया जा रहा है अब तक कई अफीम काश्तकारों को यह दलाल अफीम के पट्टे दिलाने और मार्फिन प्रतिशत बढ़ाने के नाम पर किसानों का खून चूस चुके हैं। हालांकि आरोपी महाप्रबंधक 4 दिन की रिमांड पर है। जिसमें कई अहम खुलासे होना बाकी है लेकिन उससे पहले कयास लगाए जा रहे हैं कि जो खासतौर पर निचले स्तर पर दलाली का काम जो मुखिया करते आ रहे हैं उन पर भी एंटी करप्शन ब्यूरो की नजर पढ़ चुकी है। ऐसे दलालों की अब कॉल हिस्ट्री भी खंगाली जाएगी और इनसे कई वर्षों का भी हिसाब लिया जाएगा अतः इन्हें जेल की हवा भी इन्हें खानी पड़ेगी। हालांकि यह तो अभी शुरुवात है हम सिलसिलेवार इन मुखिया दलालों का नाम के साथ खुलासा करेगे।