भोपाल।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Former Union Minister Jyotiraditya Scindia) के भाजपा में शामिल होने और शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) के बाद लगातार अंसतोष और अंतर्कलह की खबरें सामने आ रही है। आए दिन नेताओं की नाराजगी मीडिया में सुर्खिया बन रही है। अब ग्वालियर के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह (Senior BJP leader and former minister Jaibhan Singh) का एक ट्वीट सियासी गलियारों में जमकर खलबली मचाए हुए है। हैरानी की बात ये है कि पवैया का ट्वीट ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री शिवराज, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, और भारत सिंह जैसे तमाम बड़े नेता एक दिवसीय ग्वालियर दौरे पर पहुंचे है।
दरअसल, ट्वीटर पर जयभान सिंह पवैया ने एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश के नए मंत्री गण जब ग्वालियर आए तो वीरांगना लक्ष्मी बाई की समाधी पर दो फूल चढ़ाने क्यों नहीं गए? याद रखें यह प्रजातंत्र और मंत्री परिषद शहीदों के लहू से ही उपजे है इतना तो बनता है।’बताया जा रहा है कि आज एक दिवसीय दौरे पर रहे सिंधिया समर्थक मंत्री ग्वालियर में सिंधिया की छतरी पर पुष्पांजलि के लिए गए थे। इसी के बाद पवैया ने यह ट्वीट किया। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। ऐसे में जयभान सिंह पवैया के इस ट्वीट ने राजनीतिक खेमों में हलचल मचा दी है।खास बात ये है कि यूजर्स ने भी पवैया का समर्थन किया है।
माना जा रहा है इस ट्वीट के जरिए उन्होंने सीधा निशाना ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर साधा है। हालांकि यह बात भी किसी से छुपी नही है कि विपक्ष में रहते हुए सिंधिया पवैया एक दूसरे के प्रतिद्वन्दि रहे है।दोनों के बीच सालों पुरानी वर्चस्व की लड़ाई है। इतना ही नही पहले जयभान ने ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का विरोध किया, फिर उनकी मृत्यु के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का खुलेआम विरोध करने लगे थे। सियासत में सिंधिया को लेकर सबसे कड़वे बोल और विरोध जयभान ने ही किया, जबकि ज्योतिरादित्य ने जयभान को रिस्पांस ही नहीं दिया। ऐसे में इस ट्वीट को तो देखकर ऐसा ही लगता है कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर भी यह कडवाहट खत्म नही होते दिख रही है।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)